डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : पहली जनवरी को पूरी दुनिया नववर्ष के जश्न में डूबी रहती है जबकि खरसावां के लोग अपने पूर्वजों की शहादत को याद करते हैं। खरसावां गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए शहीद स्थल पर पूरे कोल्हान के लोग जुटते हैं एक जनवरी 1948 को खरसावां में हुई गोलीकांड में सैकड़ों लोग मारे गए थे। देश की आजादी के बाद सरायकेला-खरसावां रियासत का विलय ओडिशा राज्य में कर दिया गया था। विलय के विरोध में आदिवासी नेता जयपाल सिंह ने एक जनवरी 1948 को खरसावां में जनसभा का आयोजन किया था। जनसभा में कोल्हान के विभिन्न क्षेत्रों से लोग आए थे। इसी बीच पुलिस व सभा में पहुंचे लोगों के बीच झड़प हो गई और पुलिस की गोलियों से सैकड़ों की मौत हो गई। वहीं खरसावां शहीद स्थल पर बुधवार को खरसावां के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हेलिकॉप्टर से खरसावां हाई स्कूल मैदान स्थित हैलिपेड में पहुंचेंगे। इसके बाद वहां से खरसावां शहीद बेदी व केसरे मुंडा चौक पहुंच कर पारंपरिक रुप से तेल डाल कर व पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि देंगे। शहीद दिवस को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। किसी भी पार्टी का झंडा बैनर लगाने की अनुमति नहीं होगी। वहीं शहीद स्थल पर खाली पांव ही प्रवेश करना होगा।