डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : जिला उपायुक्त अनन्य मित्तल द्वारा जिला में संचालित कुल 111 अल्ट्रासाउंड सेंटर की जांच का निर्देश 6 दण्डाधिकारियों को दी गई थी। जांच रिपोर्ट की समीक्षा व पी.सी एंड पी.एन.डी.टी एक्ट के अनुपालन को लेकर एक बैठक उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में आहूत की गई। बैठक में एसडीएम धालभूम शताब्दी मजूमदार, एसीएमओ डॉ जोगेश्वर प्रसाद, डीआरसीएचओ डॉ रंजीत पांडा, डॉ मृत्युंजय धावड़िया, कार्यपालक दण्डाधिकारी सुदीप्त राज, चन्द्रजीत सिंह व अल्ट्रासाउंड सेंटर जांच के लिए नामित अन्य दण्डाधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में दण्डाधिकारियों द्वारा अल्ट्रासाउंड सेंटर की जांच का रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया। अबतक कुल 36 अल्ट्रासाउंड की जांच में कई कमियां पाई गई, जिसे संबंधित संचालक को दुरूस्त करने व शो कॉज करने का निदेश दिया गया। साथ ही शेष अल्ट्रासाउंड सेंटर जिनका जांच नहीं हो पाया है, उन सभी को इसी माह में जांच करते हुए रिपोर्ट समर्पित करने का निदेश दिया गया। जांच में पाया गया कि सिविल सर्जन व स्टेट नोडल ऑफिसर का नंबर केन्द्रों में डिस्पले नहीं किया गया था। सभी अल्ट्रासाउंड सेंटर में अनिवार्य रूप से सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल का फोन नंबर 94310 55503 तथा स्टेट नोडल ऑफिसर का फोन नंबर डिस्पले किए जाने का निदेश दिया गया।
बैठक में जिला में अनधिकृत रूप से बिना लाइसेंस के संचालित क्लीनिक के विरुद्ध जांच कर कार्रवाई किए जाने तथा लाइसेंस होल्डर के स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति द्वारा भी अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित किए जाने पर कार्रवाई का निदेश दिया गया। उप विकास आयुक्त ने कहा कि लिंग अनुपात में सुधार के प्रयास जारी है, गर्भधारण व प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम 1994 (पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट) का मुख्य उद्देश्य गर्भ धारण पूर्व व प्रसव पूर्व लिंग चयन का निषेध करना तथा लिंग आधारित गर्भपात पर प्रतिबंध लगाकर लिंगानुपात को सुधारना है। भ्रूण लिंग जांच और गर्भपात को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इस संबंध में अपने सूचनाततंत्र को मजबूत करते हुए सभी संबंधित दण्डाधिकारी कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे। बैठक में विशेष रूप से नए अल्ट्रासाउंड सेंटर के पंजीकरण, निर्गत लाइसेंस की जांच, चिकित्सकों के पंजीकरण और विभिन्न चिकित्सा प्रक्रियाओं के नियमन से जुड़े मामलों पर विचार-विमर्श किया गया।