जमशेदपुर। युनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन ने बैंकों का निजीकरण के खिलाफ लगातार आंदोलन करने का निर्णय लिया है। कृषि बिल की तरफ निजीकरण का प्रस्ताव भी केंद्र सरकार को वापस लेने के लिए मजबूर किया जाएगा। सभी राष्ट्रीयकृत बैंक यूनियन और जनधन खाता धारक एकजुट होकर आंदोलन करेंगे। निजीकरण होने पर 10 हजार रुपये कम से कम राशि बैंक खाते में रखनी होगी। यूनियन के संयोजक रिंटू रजक सोमवार को बिष्टूपुर स्थित कला मंदिर में आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कि 19 जुलाई को बिष्टूपुर पोस्टल पार्क में रैली निकालकर विरोध किया जाएगा, जबकि 21 जुलाई को जंतर मंतर पर धरना दिया जाएगा। यूनियन का कहना है कि 1969 में बैंक निजी हाथों में ही था, हालात को देखते हुए राष्ट्रीयकृत करना करने का निर्णय लिया गया था। राष्ट्रीयकृत होने के चलते देश की अर्थव्यवस्था खस्ता नहीं हुई, जबकि यूरोप के कई देशों की स्थिति कंगाल जैसी हो गई। अब जनधन योजना के खाता धारक से लेकर बैंक कर्मचारी सभी आंदोलन में शामिल होंगे। इस मौके पर यूनियन के नेता हीरा अरकने, सपन अदख, अमिताभ घोष, सुब्रतो घोष, डीएन सिंह, सुजय राय उपस्थित रहें।