मिरर मीडिया : बुधवार को झरिया स्थित भाजपा कार्यालय में रागिनी सिंह ने प्रेस वार्ता कर झरिया के ज्वलंत सील मुद्दों को उठाया। साथ ही झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह, नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार एवं बीसीसीएल को सवालों के कटघरे में खड़ा किया।
प्रेस वार्ता में भाजपा नेत्री रागिनी सिंह ने झरिया के कई ज्वलनशील मुद्दों पर गंभीरता से चिंता जताई। उन्होंने कोयले से होने वाले डस्ट एवं प्रदूषण पर चिंता जताते हुए कहा कि प्रदूषण से बचाव और निगरानी के लिए केंद्र सरकार ने नगर निगम को 63 करोड़ रुपए दिए हैं। इन पैसों में से 45 करोड़ रुपए निगम डेढ़ साल में खर्च भी कर चुका है, लेकिन इन सब के बावजूद अभी भी प्रदूषण कम नहीं हुआ है। डस्ट के कारण यहां रहने वाले लोग गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं। उन्होंने झरिया में करोड़ों की लागत से जलापूर्ति योजना की अवधि खत्म होने पर चिंता जाहिर की और कहा की अगर कंपनी को एक्सटेंशन नहीं मिला तो जलापूर्ति योजना अधूरी रह जाएगी।
वहीं काम की गति धीमी होने के कारण अब तक मात्र 50 से 60 प्रतिशत ही काम हुआ है। अगर इसकी अवधि नहीं बढ़ाई गई तो झरिया की आधी आबादी को प्यासे रहना पड़ेगा। बीसीसीएल पर निशाना साधते हुए उन्होने कहा की बस्ताकोला क्षेत्र में 200 आवासों में रहने वाले कर्मियों को पानी की किल्लत है इस कॉलोनी में रहने वाले कर्मी पिछले 10 सालों से पेयजल की समस्या झेल रहे हैं। बीसीसीएल अपने कर्मी को कंपनी आवास में मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने में भी नाकाम है। जिस कारण वहां रहने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
रागिनी सिंह ने जिला प्रशासन को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि धनबाद उपायुक्त व नगर आयुक्त बाइक की सवारी करते हुए भगतडीह से कतरास मोड़ होते हुए शिमलाबहाल तक का जायजा लें तो उन्हें प्रदूषण से हो रही परेशानी व दुखों का अंदाजा लग जाएगा। कुछ दिन पहले स्वीपिंग मशीन के जरिए सड़क मार्ग को प्रदूषण से मुक्ति दिलाने केकाम की शुरुआत भी हुई थी, लेकिन कुछ भ्रष्ट अधिकारी व दबंगों द्वारा काम रुकवा दिया गया उन्होंने कहा कि अगर धनबाद जिला प्रशासन नींद से नही जागता है तो भारतीय जनता पार्टी जल्द ही जोरदार आंदोलन करेगी। वर्तमान जनप्रतिनिधि गरीबों का नहीं, बल्कि खुद के विकास में लगी हुई हैं।
आगे रागिनी सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा हर घर जल योजना का लाभ झरिया की जनता को नहीं मिल रहा है। पिछली सरकार में शुरू 310 करोड़ रुपये की जलापूर्ति योजना भी लक्ष्य प्राप्त नहीं कर सकी। झरिया जलापूर्ति योजना का काम 2019 में शुरू हुआ, जिसे 2021 में पूरा होना था। झरिया के 36 हजार घरों में पाइप लाइन से पानी पहुंचाने का काम झमाड़ा ने टेंडर के बाद जीएमसी कंपनी को सौंपा। परंतु अब तक मात्र 40 प्रतिशत ही पाइप बिछाने का काम हुआ है। झरिया की जनता इस वर्ष भी गर्मी में प्यासी रहेगी।