धनबाद में कोयला मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव विस्मिता तेज ने झरिया पुनर्वास की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए भू-धंसान और अग्नि प्रभावित क्षेत्रों से लोगों के सुरक्षित पुनर्वास को प्राथमिकता बताया। झरिया क्षेत्र में कुल 595 अग्नि प्रभावित क्षेत्र हैं, जिनमें 81 क्षेत्र अति संवेदनशील हैं। पहले चरण में इन 81 क्षेत्रों का सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है।
14,460 परिवार होंगे पुनर्वासित
अति संवेदनशील क्षेत्रों में 14,460 परिवार रहते हैं, जिनमें 1,860 भूमिधारक और 12,600 अवैध कब्जेधारी शामिल हैं। इन्हें बीसीसीएल (भारत कोकिंग कोल लिमिटेड) और झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकरण (जेआरडीए) के माध्यम से प्राथमिकता के आधार पर शिफ्ट किया जाएगा। अतिरिक्त सचिव ने यह स्पष्ट किया कि जब आवास तैयार हैं, तो पुनर्वास में देरी नहीं होनी चाहिए।
रिवाइज झरिया मास्टर प्लान को मंजूरी के संकेत
उन्होंने रिवाइज झरिया मास्टर प्लान को जल्द कैबिनेट से मंजूरी मिलने का संकेत दिया। साथ ही, वर्ष 2019 को कटऑफ डेट मानते हुए पुनर्वास कार्य को तेज़ी से आगे बढ़ाने पर जोर दिया।
बेहतर बुनियादी सुविधाओं का आश्वासन
शिफ्ट होने वाले परिवारों के लिए पानी, बिजली, स्कूल, अस्पताल, खेल मैदान, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और कौशल विकास केंद्र जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने पर विशेष जोर दिया गया। भूमिधारकों को नियमानुसार मुआवजा देने का भी निर्देश दिया गया।
बैठक में अधिकारी उपस्थित
बैठक में बीसीसीएल सीएमडी समीरन दत्ता, उपायुक्त माधवी मिश्रा, निदेशक तकनीकी (परिचालन) संजय मिश्रा, निदेशक तकनीकी (योजना एवं परियोजना) एस नागचारी समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। उपायुक्त माधवी मिश्रा ने पुनर्वास के तहत अब तक हुई प्रगति और आगामी योजनाओं की जानकारी दी।
सरकार की पहल
झरिया पुनर्वास परियोजना के अंतर्गत, प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर बसाने की जिम्मेदारी बीसीसीएल और जेआरडीए को सौंपी गई है। बैठक के दौरान तय किया गया कि प्रभावित परिवारों को जल्द से जल्द शिफ्ट करने का कार्य निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जाएगा।