झारखंड में विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों और मंत्रियों की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार और पुलिस विभाग अलर्ट मोड में आ गए हैं। राज्य में उग्रवादी और नक्सली गतिविधियों को देखते हुए स्पेशल ब्रांच ने एक रिपोर्ट तैयार कर उन स्थानों की पहचान की है जहां जनप्रतिनिधियों पर हमले की संभावना हो सकती है। इस रिपोर्ट के आधार पर सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था सख्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
स्पेशल ब्रांच ने जारी किया अलर्ट
स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट में कहा गया है कि विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों और मंत्रियों को अपने-अपने क्षेत्रों से रांची आने-जाने के दौरान सुरक्षा खतरा हो सकता है। पूर्व में इन इलाकों में हुई उग्रवादी और नक्सली घटनाओं को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट में इन संभावित खतरों का उल्लेख किया गया है।
चिह्नित संवेदनशील स्थान
स्पेशल ब्रांच ने राज्य के ऐसे स्थानों की सूची तैयार की है, जहां सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। ये स्थान नक्सली गतिविधियों के लिए बदनाम रहे हैं। सूची में शामिल कुछ प्रमुख स्थान इस प्रकार हैं:
रांची-बुंडू मार्ग: तैमारा घाटी
रांची-हजारीबाग और कोडरमा सड़क: चुटूपालू घाटी, चरही, तिलैया घाटी
हजारीबाग-गिरिडीह सड़क: विष्णुगढ़ और गिरिडीह घाटी
रांची-सिमडेगा मार्ग: कोलेबिरा जंगल
खूंटी-चाईबासा मार्ग: बटगांव घाटी
पलामू और लातेहार क्षेत्र: अमझारिया घाटी, मनिका घाटी
चतरा और डाल्टेनगंज मार्ग: बेतला, महुआडांड़, गारू घाटी
रामगढ़-बोकारो मार्ग और गढ़वा-नगरऊंटारी मार्ग
इनके अलावा भी कई अन्य क्षेत्रों को संवेदनशील माना गया है, जहां नक्सलियों और अपराधियों की गतिविधियां सक्रिय रही हैं।
पुलिस को दिए गए सख्त निर्देश
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी जिलों के एसपी को निर्देशित किया गया है कि:
- संवेदनशील स्थानों पर गश्त बढ़ाई जाए।
- लांग रेंज पेट्रोलिंग और ओपेन रोड पेट्रोलिंग सुनिश्चित की जाए।
- विधायकों और मंत्रियों के यात्रा मार्ग पर सुरक्षा बलों की तैनाती की जाए।
- संबंधित क्षेत्रों में उग्रवादी गतिविधियों की नियमित रूप से निगरानी की जाए।
पुलिस से यह भी कहा गया है कि वे समय पर खुफिया जानकारी जुटाएं और स्थानीय स्तर पर उग्रवादी गतिविधियों पर नजर बनाए रखें।
सरकार की सक्रियता और सुरक्षा उपाय
राज्य सरकार ने इस रिपोर्ट को गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपनी यात्रा की जानकारी पहले से सुरक्षा एजेंसियों को दें। संबंधित जिलों के पुलिस अधिकारियों से समन्वय बनाकर यात्रा के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं।
राज्य सरकार ने सभी जिलों में विशेष सुरक्षा दल तैनात करने के निर्देश दिए हैं। गश्त के अलावा संवेदनशील इलाकों में पुलिस बलों की संख्या बढ़ाने और आधुनिक उपकरणों का उपयोग करने पर भी जोर दिया गया है।
झारखंड में नक्सली चुनौती
झारखंड लंबे समय से नक्सली समस्या से जूझ रहा है। राज्य के कई इलाके उग्रवाद प्रभावित हैं और इन क्षेत्रों में राजनीतिक नेताओं और सरकारी अधिकारियों पर हमले का खतरा बना रहता है। हाल के वर्षों में सुरक्षा बलों की सक्रियता और ऑपरेशनों के बावजूद नक्सलियों की गतिविधियां पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं।