मिरर मीडिया : बीपीएल कोटे के तहत नामांकन को लेकर मामला उलझता जा रहा है। निजी स्कूलों में बीपीएल कोटे के तहत नामांकन को लेकर जारी की गई सूची को झारखंड बाल संरक्षण आयोग की जांच में बड़ी गड़बड़ियां सामने आने के बाद आयोग ने निरस्त करने की अनुशंसा की है।
आयोग ने एक बार फिर से ऑनलाइन माध्यम से बच्चों का आवेदन प्राप्त कर सूची तैयार करने को कहा है। साथ ही गलत सूची तैयार करने में संलिप्त जिम्मेदार पदाधिकारी और कर्मचारी को चिन्हित कर अनुशासनिक कार्यवाही एवं विभागीय कार्यवाही चलाने को कहा गया है।
पूरे मामले पर जानकारी देते हुए बाल संरक्षण आयोग के सदस्य सुनील वर्मा ने बताया कि जिले के निजी स्कूल में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत सूची बनवाने के लिए जिला स्तर पर बनाई गई चार सदस्य कमेटी में 2 सदस्यों के हस्ताक्षर के बिना ही सूची तैयार कर दी गई थी। जांच के दौरान चौकाने वाली बात यह सामने आई की पूरे मामले में वरीय पदाधिकारियों को भी अंधेरे में रखा गया है एवं उनसे भी हस्ताक्षर करवा लिया गया। जांच के दौरान क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी ने भी चयन सूची बनवाने में हुई गलती को स्वीकार कर लिया । जांच के दौरान कई स्कूलों में घर से दुरी में गड़बड़ी मिली है
इन स्कूलों में नामांकन प्रक्रिया में गड़बड़ियां सामने आई है
👉🏻दिल्ली पब्लिक स्कूल
👉🏻डीएवी पब्लिक स्कूल कोयला नगर
👉🏻किड्स गार्डन सेकेंडरी स्कूल, झरिया
👉🏻दून पब्लिक स्कूल, कुसुम विहार
👉🏻धनबाद पब्लिक स्कूल, हीरक ब्रांच
👉🏻धनबाद पब्लिक स्कूल, केजी आश्रम
👉🏻डीएवी स्कूल, अलकुसा
👉🏻सर्वमंगला पब्लिक स्कूल, धनबाद
आयोग ने बताया की बच्चों के आवास से विद्यालय की दूरी सामान रहने एवं अन्य कागजात भी एक जैसे रहने पर भी नामांकन के लिए चयन करने का कोई मापदंड निर्धारित नहीं किया गया। बावजूद इसके कई बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र में अंकित उम्र को अधिक दिखाकर अंतिम सूची में शामिल किया गया।
इसके साथ ही बिना स्कूल से दूरी नापे रिपोर्ट बना दी गई एवं जानबूझकर बच्चों के आवास से विद्यालय की दूरी बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जाए। जिस कारण बच्चों का चयन नहीं हो सका।
झारखंड राज्य बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने झारखंड शिक्षा परियोजना निर्देशक को पत्र लिखकर जिले में निजी स्कूल में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत तैयार नामांकन सूची में आयोग को 9 सदस्यीय जांच कमेटी को निरस्त करने की अनुशंसा की है।
हालंकि रद्द किए जाने संबंधित पूरे मामले पर धनबाद उपायुक्त ने कहा की पूरे मामले पर तथ्यों की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
वही आयोग ने बताया गलत तरीके से नामांकन सूची तैयार की गई थी। इस मामले में शिक्षा विभाग की तरफ से किसी प्रकार की कोई जानकारी भी नहीं दी जा रही है और ना ही मदद की जा रही है जिसके कारण 44 स्कूलों के लिए जारी सूची को निरस्त करने की अनुशंसा की गई है एवं एक बार फिर नए सिरे से ऑनलाइन माध्यम के जरिए बच्चों का आवेदन प्राप्त कर सूची तैयार करने को कहा गया है। साथ ही गलत सूची तैयार करने वाले पदाधिकारी व कर्मचारीयो के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है। एक तो ऐसे ही लेट होने के कारण बच्चों का दाखिला समय पर नहीं हो पाया है अब नया सूची जारी कर फिर से आवेदन लेने के मामले में शिक्षा विभाग कितना समय लगाता है और कितनी जल्दी छात्रों का नामांकन होता है यह देखना होगा।