डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: झारखंड राज्य सरकार ने 28,945 प्राथमिक विद्यालयों को टैब उपलब्ध कराने की योजना पूरी कर ली है। जहां 1 से 5 तक की कक्षाएं चलती हैं, वहां ये टैब बच्चों की शिक्षा को डिजिटल रूप से समृद्ध करेंगे।
इस योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 28 फरवरी को प्रोजेक्ट भवन सभागार में करेंगे। इस मौके पर मुख्यमंत्री रांची के 12 और अन्य जिलों के छह-छह विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को टैब सौंपेंगे।
प्रखंड स्तर पर होगी टैब की आपूर्ति
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने इस योजना की आपूर्ति को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। प्रखंड स्तर पर टैब की आपूर्ति सिबिन लर्निंग कार्ट लिमिटेड द्वारा की जाएगी।
इसके बाद बीईईओ (ब्लॉक एजुकेशन एक्सटेंशन ऑफिसर) की जिम्मेदारी होगी कि वे टैब को प्रधानाध्यापकों को सौंपें। इस प्रक्रिया के तहत सभी बीईईओ को आपूर्तिकर्ता से चार-चार रिसीविंग प्राप्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
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टैब का रखरखाव और जवाबदेही
शिक्षा निदेशक शशि रंजन ने कहा है कि टैब के फिजिकल नुकसान, चोरी या गुम होने की पूरी जिम्मेदारी संबंधित शिक्षक की होगी। ऐसी स्थिति में राशि वसूल की जाएगी। हालांकि, अगर टैब में कोई तकनीकी खराबी आती है, तो एक वर्ष तक उसे मुफ्त मरम्मत प्रदान की जाएगी।
विद्यालयों के लिए एक टैब, एक शर्त
प्रत्येक विद्यालय को एक-एक टैब प्रदान किया जाएगा, लेकिन इसके लिए विद्यालय में न्यूनतम 30 छात्रों का होना अनिवार्य किया गया है। टैब के माध्यम से कक्षाओं की बेहतर व्यवस्था, शिक्षकों की बायोमेट्रिक उपस्थिति, और ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्य सुचारू रूप से किया जा सकेगा।
इंटरनेट सुविधा का प्रबंध
इंटरनेट की व्यवस्था विद्यालय विकास मद की राशि से की जाएगी, जिससे कि टैब का अधिकतम उपयोग किया जा सके। इसके अलावा, टैब को विद्यालय की संपत्ति माना जाएगा, जिससे इसकी सुरक्षा और रखरखाव में प्राथमिकता दी जाएगी।
शिक्षा में डिजिटल बदलाव की दिशा में एक और कदम
यह पहल राज्य सरकार द्वारा शिक्षा को डिजिटल और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल छात्रों के लिए सीखने के नए रास्ते खुलेंगे, बल्कि शिक्षकों के लिए भी प्रशिक्षण और अध्यापन की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।