मिरर मीडिया : दलबदल मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने बाबूलाल मरांडी की याचिका पर अपना फैसला सुना दिया है। झारखंड हाईकोर्ट ने इस मामले को यह कहतें हुए ख़ारिज कर दिया की यह मामला फिलहाल स्पीकर न्यायाधीकरण में चल रहा है इसलिए झारखंड हाईकोर्ट इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता। वहीं उनके आदेश आने के पहले इसपर न्यायिक हस्तक्षेप उचित नहीं है।
वहीं स्पीकर के तरफ से अगर कोई फैसला आता है तो वह अपना पक्ष लेकर कोर्ट आ सकते हैं।
इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान झारखंड विधानसभा की ओर से सुप्रीम कोर्ट व अन्य हाईकोर्ट के जजमेंट को प्रस्तुत किया गया था।
कहा गया कि स्पीकर के न्यायाधिकरण में जब तक कोई आदेश बाबूलाल मरांडी के मामले में न हो जाए, तब तक झारखंड हाईकोर्ट इस रिट को नहीं सुन सकता है। यह याचिका मेंटेनेबल नहीं है, इसलिए इसे खारिज कर देना चाहिए।
संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत स्पीकर का न्यायाधिकरण किसी विधायक को डिसक्वालीफाई करने के निर्णय लेने में सक्षम है। हाई कोर्ट इसमें इंटरफेयर नहीं कर सकता है। यह भी कहा गया था कि किसी राजनीतिक दल का विलय करना या न करना, यह विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में आता है।