Jharkhand के मंत्री आलमगीर आलम ने दिया इस्तीफा ?:सीता सोरेन 6 वर्षो के लिए निष्कासित

KK Sagar
7 Min Read

Table of Contents

Jharkhnad के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम की इस्तीफा देने की अटकलें है। बता दें कि कमीशनखोरी की संलिप्तता की भूमिका पाए जाने के बाद मंत्री आलमगीर आलम 6 दिनों की रिमांड पर थे।

Contents
Table of Contentsमंत्री आलमगीर आलम झारखण्ड के मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन को भेज सकते हैं इस्तीफा14 मई को ED ने भेजा था समनटेंडर मैनेज में 1.5 प्रतिशत हिस्सा मंत्री जी कारिमांड पिटीशन में इडी ने की है कमीशनखोरी की चर्चाED ने पिटीशन में कहा जब्त 37.50 करोड़ रुपये में 32.20 करोड़ रुपये की वसूली मंत्री आलमगीर आलम के लिएजहांगीर के घर रखा जाता था मंत्री से संबंधित सरकारी दस्तावेजजहांगीर व संजीव लाल द्वारा टेंडर मैनेज करने और इंजीनियरों से कमीशन वसूलने में महत्वपूर्ण भूमिकाबीरेंद्र राम ने भी गिरफ्तारी के बाद कमीशन की बात का किया था ख़ुलासास्लीप एप्निया बीमारी से ग्रसित मंत्री को जेल में उपलब्ध कराई गई सुविधा

मंत्री आलमगीर आलम झारखण्ड के मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन को भेज सकते हैं इस्तीफा

राज्य सरकार और कांग्रेस ने उनसे इस्तीफा नहीं मांगा था लेकिन माना जा रहा है कि जिस आधार पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस्तीफा दिया वह आधार आलमगीर पर भी लागू होता है। हालांकि कांग्रेस का मानना है कि अब तक आरोप साबित नहीं हुए हैं ऐसे में कुछ भी कहा नहीं जा सकता

14 मई को ED ने भेजा था समन

गौरतलब है कि ED ने टेंडर कमीशन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को समन जारी किया था और ईडी ने उन्हें 14 मई को ईडी की रांची स्थित जोनल कार्यालय में पूछताछ के लिए भी बुलाया था। घंटों पूछताछ के बाद ED ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

टेंडर मैनेज में 1.5 प्रतिशत हिस्सा मंत्री जी का

बता दें कि में जारी कमीशनखोरी में मंत्री आलमगीर आलम को टेंडर मैनेज में 1.5 प्रतिशत हिस्सा मिलता था। इस लिहाज से मंत्री आलमगीर आलम को एक इंजीनियर द्वारा सितंबर 2022 में कमीशन में हिस्सेदारी के रूप में तीन करोड़ रुपये दिये गए थे। जबकि उनके निजी सचिव के नौकर जहांगीर के घर से मिले 32.20 करोड़ रुपये की वसूली, मंत्री के लिए संजीव लाल के निर्देश पर की गयी थी।

रिमांड पिटीशन में इडी ने की है कमीशनखोरी की चर्चा

उक्त बातें ED ने ग्रामीण विकास मंत्री को पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश करते हुए रिमांड पिटीशन में इन बातों का उल्लेख किया है। रिमांड पिटीशन में कमीशनखोरी की चर्चा करते हुए कहा गया है कि ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल और ग्रामीण कार्य विभाग के एक सहायक अभियंता द्वारा कमीशन की वसूली पर ध्यान दिया जाता है। जांच में यह पाया गया है कि टेंडर में कुल लागत का 1.5% मंत्री के कमीशन के रूप में निर्धारित है।

ED ने पिटीशन में कहा जब्त 37.50 करोड़ रुपये में 32.20 करोड़ रुपये की वसूली मंत्री आलमगीर आलम के लिए

ED द्वारा पिटीशन में कहा गया है कि विभाग में जारी कमीशनखोरी की जांच के दौरान छह, सात व आठ मई को संजीव लाल और जहांगीर सहित अन्य के ठिकानों पर छापेमारी की गयी थी। इसमें करीब 37.50 करोड़ रुपये जब्त किये गये थे।  इसमें से 32.20 करोड़ रुपये जहांगीर के घर से मिले थे। यह रकम संजीव लाल के निर्देश पर जहांगीर ने आलमगीर आलम के लिए वसूली थी।

जहांगीर के घर रखा जाता था मंत्री से संबंधित सरकारी दस्तावेज

गौरतलब है कि ED ने इस बात का भी जिक्र किया है कि को छापेमारी में जहांगीर के घर से नोटों के साथ सरकारी दस्तावेज मिले थे इन सरकारी दस्तावेजों को मंत्री के आप्त सचिव संजीव लाल के पास होना चाहिए था। इससे यह प्रमाणित होता है कि संजीव लाल मंत्री से संबंधित दस्तावेज, नकदी आदि जहांगीर के घर पर रखता था।

जहांगीर व संजीव लाल द्वारा टेंडर मैनेज करने और इंजीनियरों से कमीशन वसूलने में महत्वपूर्ण भूमिका

ED ने इस बात का ख़ुलासा किया है कि जहांगीर व संजीव लाल टेंडर मैनेज करने और इंजीनियरों से कमीशन वसूलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। कमीशन के रूप में वसूली गयी राशि का बंटवारा एक निश्चित प्रक्रिया के तहत किया जाता है। कमीशन की राशि वसूलने और बंटवारे को अंजाम देने के लिए बने ग्रुप में विभाग के ऊपर से नीचे तक के अधिकारीयों की संलिप्तता हैं।

बीरेंद्र राम ने भी गिरफ्तारी के बाद कमीशन की बात का किया था ख़ुलासा

आपको बता दें कि कमीशन के इस काले खेल में किये जाने वाले बंदरबाँट को लेकर बीरेंद्र राम ने भी अपनी गिरफ्तारी के बाद पीएमएलए की धारा-50 के तहत दिये गये बयान में विभाग में कमीशनखोरी और उसके बंटवारे की जानकारी दी थी। हालांकि न्यायालय में बीरेंद्र राम मामले में दायर आरोप पत्र में कुल 10 लोगों को आरोपित किया गया है।

स्लीप एप्निया बीमारी से ग्रसित मंत्री को जेल में उपलब्ध कराई गई सुविधा

पूर्व मामले में मंत्री आलमगीर की संलिप्तता निकले पर मेडिकल प्रक्रिया के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है। आलमगीर आलम 
स्लीप एप्निया बीमारी से ग्रसित है उन्हें जेल में सी-पैप मशीन उपलब्ध कराई गई है। इससे पहले अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि आलमगीर आलम को सोने के दौरान सांस लेने में परेशानी यानी स्लीप एप्निया हैं। जबकि उन्हें बीपी और शुगर भी है।  हेल्थ ग्राउंड पर उन्हें जेल में सुविधा उपलब्ध करायी जाने के अनुरोध पर कोर्ट ने जेल प्रशासन को आलम को सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

Share This Article
उत्कृष्ट, निष्पक्ष, पारदर्शिता और ईमानदारी - पत्रकारिता की पहचान है k k sagar....✍️....