झारखंड नव निर्माण क्रांतिकारी मोर्चा’ 90 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी के साथ संगठन करेगा सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक जागरूकता का अभियान

Manju
By Manju
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डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : राज्य की उपेक्षित जनता, विशेषकर ग्रामीण, महिला और युवाओं की आवाज़ को सशक्त करने के उद्देश्य से ‘झारखंड नव निर्माण क्रांतिकारी मोर्चा’ का गठन किया गया है। संगठन ने स्पष्ट किया है कि यह केवल राजनीतिक मंच नहीं, बल्कि एक जनआंदोलन का स्वरूप लेगा, जो झारखंड के सर्वांगीण विकास और बृहद झारखंड की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में कार्य करेगा।

इस अवसर पर चांडिल अनुमंडल के चांडिल डैम परिसर में एक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में महिला, युवा और ग्रामीण जनता उपस्थित रही। संगठन के मुख्य संरक्षक कृष्णा कालिंदी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज अगर सरकार जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशील होती, तो हमें सड़कों पर उतरकर संगठन बनाने की ज़रूरत नहीं पड़ती। आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, जल-जंगल-जमीन की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। सरकार की नीतियों में असमानता और उपेक्षा ने समाज के विकास की गति को बाधित किया है। इसलिए, अब जनता को खुद एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना होगा। उन्होंने कहा कि झारखंड की माटी ने सदैव संघर्ष और आत्मसम्मान की भावना को जन्म दिया है। यहां के लोग मेहनती हैं, लेकिन उन्हें उचित अवसर नहीं मिल रहे हैं। संगठन अब इन वंचित समुदायों के हित में संघर्ष करेगा, ताकि हर घर में सम्मान, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार सुनिश्चित हो सके। सभा में ईचागढ़ क्षेत्र से आए ग्रामीणों ने भी अपनी जन समस्याएं प्रमुख संरक्षक के सामने रखीं। लोगों ने कहा कि जल-जंगल-जमीन की लूट, बेरोजगारी, पलायन और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर अब ठोस कार्रवाई की ज़रूरत है। सभी ने संगठन को मज़बूत करने का आश्वासन दिया और आगे भी आंदोलन में सक्रिय भागीदारी की प्रतिबद्धता जताई।

संगठन के सलाहकार सतीश पाठक ने कहा कि “सर्व समाज को समान भावना और समान सम्मान के साथ जोड़ना ही असली विकास है। जब समाज के हर वर्ग को बराबरी का अवसर मिलेगा, तभी झारखंड का असली नव निर्माण संभव होगा।” उन्होंने कहा कि संगठन जाति, धर्म और वर्ग से ऊपर उठकर आम जन के जीवन में बदलाव लाने का प्रयास करेगा। बैठक में संगठन के आगामी कार्यक्रमों और प्राथमिकताओं पर भी विस्तार से चर्चा हुई। तय किया गया कि संगठन निम्न मुद्दों पर चरणबद्ध अभियान चलाएगा।

युवाओं को निःशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण देकर डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में कदम, लड़कियों और बच्चों को आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्रदान कर सुरक्षा और आत्मविश्वास बढ़ाना, पलायन रोकने हेतु स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन, विशेषकर कुटीर उद्योगों और छोटे कारखानों में रोजगार दिलाने का प्रयास, न्यूनतम मजदूरी दर लागू कराने और श्रमिक अधिकारों की रक्षा हेतु सरकार पर दबाव बनाना, निःशुल्क शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवा को हर पंचायत स्तर तक पहुंचाने का लक्ष्य, अवैध खनन पर अंकुश लगाकर जल, जंगल और जमीन की रक्षा, महिला सशक्तिकरण के तहत विभिन्न रोजगारपरक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना, भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन चलाकर सरकारी कार्यालयों में जवाबदेही तय करना, विस्थापितों और भूमिहीन परिवारों के लिए आवास की व्यवस्था करवाना, कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करना।

सभा के अंत में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि संगठन आने वाले महीनों में गांव-गांव जाकर सदस्यता अभियान चलाएगा। प्रत्येक पंचायत में महिला और युवा मोर्चा गठित किया जाएगा, ताकि स्थानीय स्तर पर जनसमस्याओं की पहचान और समाधान सुनिश्चित किया जा सके। कृष्णा कालिंदी ने कहा कि हमारा उद्देश्य किसी सरकार का विरोध नहीं, बल्कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुँचाना है। जब तक राज्य के हर नागरिक को समान अवसर और सम्मान नहीं मिलेगा, तब तक झारखंड का सपना अधूरा रहेगा।

संगठन ने घोषणा की है कि आगामी महीनों में ‘जनजागरण यात्रा’ निकाली जाएगी, जिसमें बृहद झारखंड की अवधारणा, महिला नेतृत्व की भूमिका और स्थानीय स्वावलंबन के संदेश को आम जनता तक पहुँचाया जाएगा। इस अवसर पर कृष्णा कालिंदी (मुख्य संरक्षक), सतीश पाठक (सलाहकार), ईचागढ़ क्षेत्र से आए अनेक सामाजिक कार्यकर्ता एवं स्थानीय ग्रामीण महिला प्रतिनिधि उपस्थित थीं।

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