रांची: झारखंड पुलिस ने अपराध और उग्रवाद पर प्रभावी नियंत्रण के लिए एक अनोखी पहल शुरू की है। पुलिस अब थानावार अपने “दोस्तों” और “दुश्मनों” की सूची तैयार करेगी। इस योजना के तहत पुलिस अपने समर्थकों की सूची को “नो योर फ्रेंड्स” और उग्रवादियों, अपराधियों व उनके सहयोगियों की सूची को “नो योर एनमी” नाम से दस्तावेजीकरण करेगी।
यह पहल प्रदेश के डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर शुरू की गई है। उन्होंने राज्य के सभी एसपी, डीआईजी और आईजी को इस योजना को लागू करने का निर्देश दिया है। इसके तहत हर थाना स्तर पर पुलिस अपने समर्थकों की पहचान करेगी, वहीं अपराधियों और उनके मददगारों की सूची भी तैयार करेगी।
क्या है योजना का उद्देश्य?
झारखंड पुलिस के अनुसार, इस योजना का मुख्य उद्देश्य अपराध और उग्रवाद पर सख्त लगाम लगाना है। “नो योर फ्रेंड्स” लिस्ट में उन नागरिकों का नाम होगा जो पुलिस के साथ सहयोग करते हैं, जबकि “नो योर एनमी” लिस्ट में उन व्यक्तियों और समूहों का विवरण होगा जो अपराध या उग्रवाद में संलिप्त हैं।
दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया
दोस्तों की सूची: इसमें पुलिस समर्थकों, मुखबिरों और समाज के उन सदस्यों का नाम दर्ज होगा जो अपराध और उग्रवाद रोकने में पुलिस की मदद करते हैं।
दुश्मनों की सूची: इसमें उग्रवादियों, उनके समर्थकों, ओवरग्राउंड वर्करों, अपराधी समूहों और उनके मददगारों के नाम शामिल किए जाएंगे।
इन सूचियों का दस्तावेजीकरण थाना, डीएसपी और एसपी स्तर पर किया जाएगा।
कैसे होगी मदद?
झारखंड पुलिस के अनुसार, इस पहल से पुलिस को अपराधियों और उनके नेटवर्क की पहचान करने में आसानी होगी। इससे पुलिस को ठोस रणनीति तैयार करने और त्वरित कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।
पुलिस की तैयारी पूरी
इस योजना को लागू करने के लिए सभी थानों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। थाना स्तर पर लिस्ट तैयार करने का कार्य तेजी से जारी है। पुलिस ने उम्मीद जताई है कि यह पहल अपराध और उग्रवाद के खिलाफ निर्णायक कदम साबित होगी।
झारखंड पुलिस की यह नई पहल राज्य को अपराध मुक्त और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।