
धर्म: संतान की लंबी उम्र की कामना को लेकर शुक्रवार को सभी माताएं जिउतिया व्रत का उपवास करेंगी। इस बार जिउतिया व्रत की तिथि को लेकर संशय है। मिथिला व बनारसी पंचांग के अनुसार जिउतिया का पर्व छह अक्टूबर को है। वहीं कुछ जगहों पर सात को है।
मालूम हो कि शुक्रवार को व्रत करने वाली महिलाएं गुरुवार को नहाय-खाय करेंगी। इस दिन गंगा नदी में स्नान कर मडुआ की रोटी, नोनी का साग, कंदा, झिंगी, करमी का साग ग्रहण करने के बाद शुक्रवार को निर्जला व्रत कर शनिवार को सूर्योदय के बाद पारण करेंगी।
ज्योतिष आचार्य पीके युग ने पंचांगों के हवाले से बताया कि उदया तिथि को लेकर संशय है। सात अक्टूबर को नवमी तिथि का प्रवेश हो रहा है। उदया तिथि को मानने वाली महिलाएं शनिवार को व्रत रख सकती हैं, परंतु शास्त्रमत के अनुसार छह को मनानी चाहिए। वहीं ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा ने महावीर पंचांग के हवाले से बताया कि शुक्रवार को अष्टमी तिथि सुबह 9.25 से आरंभ होकर शनिवार सात अक्टूबर की सुबह 10.21 बजे तक रहेगी।
इसके अलावा मिथिला के विवि पंचांग के मुताबिक अष्टमी तिथि छह अक्टूबर की सुबह 9.35 बजे से आरंभ होकर सात अक्टूबर की सुबह 10.32 बजे तक है। शनिवार अष्टमी तिथि के समाप्ति के बाद व्रती सुबह 10.32 बजे के बाद पारण करेंगी। शुक्रवार को सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बना रहेगा। व्रती कुश से जीमूतवाहन की मूर्ति बनाकर पूजा अर्चना करेंगी।