हजारीबाग: आदिवासी समुदाय की धार्मिक पहचान सुनिश्चित करने की मांग को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने मंगलवार को हजारीबाग समाहरणालय के समक्ष एकदिवसीय धरना दिया। पार्टी के जिलाध्यक्ष संजीव बेदिया के नेतृत्व में आयोजित इस आंदोलन में सैकड़ों कार्यकर्ता, पदाधिकारी और कार्यकारिणी सदस्य शामिल हुए।
धरना स्थल से जिलाध्यक्ष संजीव बेदिया ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, “जब तक आदिवासी समाज को उनकी धार्मिक पहचान देने वाला सरना धर्म कोड नहीं मिलता, तब तक जातीय जनगणना नहीं होने दी जाएगी। यह हमारी अस्मिता और अधिकार की लड़ाई है।”
पार्टी के कार्यकारिणी सदस्य डॉ. कमल नयन सिंह ने भी केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा सरकार लगातार आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द निर्णय नहीं लिया गया तो झामुमो 4 जून से राज्यव्यापी आंदोलन की शुरुआत करेगा।
धरना में बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोगों ने भाग लिया और एक स्वर में सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आवाज़ बुलंद की। प्रदर्शन के दौरान पारंपरिक नारों और सांस्कृतिक प्रतीकों के माध्यम से भी अपनी धार्मिक पहचान पर जोर दिया गया।