कश्मीर मीठा, तुर्की खट्टा: अजमेर में तुर्की सेब पर रोक, कश्मीरी सेब की मांग चढ़ी चोटी पर

KK Sagar
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भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव का असर अब व्यापारिक संबंधों पर भी साफ दिखाई देने लगा है। राजस्थान के अजमेर में तुर्की से आने वाले सेब और कीवी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। स्थानीय व्यापारी अर्जुन के अनुसार, अब तुर्की से किसी भी प्रकार का फल नहीं मंगवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब उपभोक्ता तुर्की के फलों के बजाय कश्मीरी सेब को प्राथमिकता दे रहे हैं।

इस व्यापारिक निर्णय के पीछे तुर्की का पाकिस्तान को दिया गया समर्थन मुख्य कारण माना जा रहा है। गौरतलब है कि भारत-पाक तनाव के दौरान तुर्की ने खुले तौर पर पाकिस्तान का पक्ष लिया था। तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने न केवल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से फोन पर बातचीत की, बल्कि कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के रुख का भी समर्थन किया। तुर्की ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की निंदा करते हुए जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग को भी समर्थन दिया।

तुर्की और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से धार्मिक, सांस्कृतिक और सैन्य रिश्ते हैं। तुर्की, पाकिस्तान को इस्लामी जगत की एक महत्वपूर्ण सैन्य और परमाणु शक्ति मानता है। राष्ट्रपति एर्दोगन की महत्वाकांक्षा इस्लामी दुनिया में नेतृत्व स्थापित करने और ओटोमन साम्राज्य की विरासत को पुनर्जीवित करने की है, जिसमें पाकिस्तान एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में उभरता है।

भारत और तुर्की के संबंध हाल के वर्षों में लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं, खासकर कश्मीर पर तुर्की की टिप्पणियों और भारत के खिलाफ उसके बयानों के चलते। वहीं भारत के इजराइल, ग्रीस जैसे देशों के साथ घनिष्ठ होते संबंध भी तुर्की को खटकते रहे हैं, जिससे वह पाकिस्तान के और नजदीक आ गया है।

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