मिरर मीडिया : बिहार में शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए कड़े फैसले लेकर इसे लागू करने वाले चर्चित आइएएस केके पाठक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। नीतीश कुमार के चहेते अफसरों में एक केके पाठक अपने कड़क मिजाज और सख्त फैसलों के लिए जाने जाते हैं। हाल में जब से उन्होंने बिहार सरकार के शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव का पद संभाला तब से ही वह लगातार चर्चा में रहे हैं। केके पाठक ने शिक्षकों को सुबह 9:30 से शाम 5:00 बजे तक रहने का निर्देश दिया. इसका पालन बिहार के स्कूलों में किया भी जा रहा है।
हालांकि, केके पाठक के तेवर को लेकर कई बार शिक्षकों व शिक्षक संघों ने आपत्ति भी जताई थी। लेकिन अब जब उन्होनें एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के पद का परित्याग कर दिया है तो उनके शिक्षा विभाग में उनके एक्शन की चर्चा है। सोशल मीडिया पर के के पाठक के नाम से एक पत्र वायरल हो रहा है जिसमें लिखा है कि मैं के के पाठक अपने पद का परित्याग करता हूँ हालांकि यह इस पत्र में कितनी सच्चाई है यह जांच का विषय है। मिरर मीडिया इस पत्र और परित्याग के खबर की पुष्टि नहीं करता है।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के कार्यकाल में कई उपलब्धियां रहीं जो ऐतिहासिक बन गईं। शिक्षा विभाग ने एक साथ एक लाख 20 हजार 336 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया। इसके बाद बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार भी होना अति आवश्यक था। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आईएएस केके पाठक 8 जून 2023 को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव नियुक्त किए गए।
केके पाठक के जॉइन करते ही शिक्षकों में हड़कंप
कड़क अफसर केके पाठक ने शिक्षा विभाग की कमान संभालते ही लगातार शिक्षा में सुधार के लिए कई तरह के निर्देश देना शुरू किया। सबसे पहले एक जुलाई को उन्होंने सभी स्कूलों में मध्याह्न भोजन की रिपोर्ट को हर दिन शाम में डायरेक्ट भेजने का निर्देश दिया। इसके बाद स्कूल में कौन शिक्षक कितने बजे आता है इस पर ध्यान दिया।