भारत में वक्फ संशोधन कानून पर गरमायी सियासत, जानें पाकिस्तान में क्या कह रहे लोग

KK Sagar
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वक्फ संशोधन विधेयक पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिसके बाद यह कानून बन चुका है। संसद से पास होने के पहले और बाद में इस विधेयक को लेकर खूब चर्चा हुई। वक्फ बिल को लेकर बहस सिर्फ भारत में ही नहीं चली, बल्कि पड़ोसी पाकिस्तान में भी चल रही है।

पाकिस्तान मेन स्ट्रीम मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक में भारत के वक्फ बिल को लकेर खूब चर्चा है। पाकिस्तान के अखबार द डॉन ने एक लेख में लिखा कि मोदी सरकार ने मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाते हुए नया विधेयक पास किया है।इस बार सरकार की नजरें मुस्लिम वक्फ बोर्ड्स के पारंपरिक स्वामित्व और प्रबंध वाली जमीन पर है। वैसे इस विधेयक को पास किए जाने का मकसद वक्फ की संपत्तियों में प्रशासन और प्रबंधन की दक्षता को बढ़ाना बताया गया है। जबकि, विपक्ष का कहना है कि यह जमीन हड़पने का तरीका है। लेख के अनुसार, मोदी सरकार शुरुआत से ही भारत में अल्पसंख्यकों को निशाना बना रही है।. इनमें सबसे बड़ा समुदाय मुस्लिम है। अखबार ने लिखा है कि सिख, ईसाई और दलितों के मामले में ये पक्षपात एक जैसा लगता है, लेकिन मुसलमानों को निशाना बनाने के मामले में यह ज़्यादा रणनीतिक नजर आ रहा है। ऐसा लगता है कि सरकार खुद सीधे तौर पर मुसलमानों को निशाना बनाने में शामिल हो गई है।

वहीं, दूसरी ओर आमतौर पर भारतीय नीतियों की आलोचना करने वाले पाकिस्तान के प्रमुख राजनीतिक विश्लेषक और सुरक्षा मामलों के जानकार कमर चीमा ने इस कानून की सार्वजनिक रूप से सराहना की। उन्होंने कहा कि वक्फ को लेकर भारत का फैसला सही है। कमर चीमा ने आगे कहा कि उदाहरण के तौर पर दरगाह पर लोग अवैध कब्जा करके रखते हैं, इसलिए इस तरह की चीजों पर कंट्रोल करना जरूरी है। ऐसी स्थिति पाकिस्तान में भी है, जहां लोग मस्जिदों पर कब्जा कर लेते हैं। मुझे लगता है कि दरगाह वाले सोचते हैं कि हम अपने मन-मुताबिक काम करें। दरगाह के लोग पाकिस्तान में रहकर करप्शन करते हैं।

वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण आवश्यक कदम -कमर चीमा

कमर चीमा ने कहा कि मोदी सरकार जो कर रही है वह गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण एक आवश्यक और सकारात्मक कदम है। अवैध अतिक्रमण रोकने के लिए जो प्रावधान लाए गए हैं, वो जरूरी हैं। मस्जिदों और दरगाहों के संचालन में पारदर्शिता जरूरी है ताकि उनका गलत इस्तेमाल रोका जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम समुदाय को खुद आगे आकर इन सुधारों का समर्थन करना चाहिए क्योंकि यह समाज के दीर्घकालिक हित में है। उन्होंने कहा कि सभी को रिफॉर्म पर ध्यान देना चाहिए। मेरा सवाल है अगर वक्फ वाले इतने दिन से सुधार नहीं कर पाए तो गलती किसकी है। इसलिए रिफॉर्म जरूरी है।

अपने देश पाकिस्तान का दिया उदाहरण

चीमा ने पाकिस्तान का उदाहरण दिया और बताया कि बहुत सारे मुस्लिम धार्मिक संस्थान सरकार के अंदर जाने से बचाने के लिए सारी जुगत लगाते हैं। इससे यहां आने वाले पैसे पर उनका कंट्रोल बना रहता है और लूट चलती रहती है। उन्होंने सवाल पूछा कि क्या मुसलमानों को धार्मिक संस्थाओं में भ्रष्टाचार करना सही बात है? वक्फ के नाम पर बहुत सारे फर्जी दावे कर दिए जाते हैं। ये कहां तक सही है? उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के पास बहुमत है और वे जो करना चाहेंगे, करेंगे। ये हर सरकार का हक है। आप कुछ नहीं कर सकते।

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