डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला प्रशिक्षु डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने विकिपीडिया को फटकार लगाते हुए पीड़िता का नाम और फोटो तुरंत हटाने का आदेश दिया है।
सीबीआई की दलील और सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया
मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान, सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी कि विकिपीडिया अभी भी पीड़िता का नाम और फोटो प्रदर्शित कर रहा है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह विकिपीडिया को पीड़िता की जानकारी हटाने का आदेश जारी करेगा। अदालत ने इस विषय पर तुरंत कार्रवाई के संकेत दिए और विकिपीडिया से पीड़िता की गोपनीयता सुनिश्चित करने को कहा।
पश्चिम बंगाल पुलिस की स्थिति
सुनवाई के दौरान, पश्चिम बंगाल पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उनके पास इस अपराध से संबंधित कोई भी सबूत, जैसे सीसीटीवी फुटेज, उपलब्ध नहीं हैं। पुलिस ने कहा कि सभी सबूत सीबीआई को सौंप दिए गए हैं। वहीं, पश्चिम बंगाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने अदालत में कहा कि वह घटना स्थल पर मौजूद अन्य व्यक्तियों के नाम सीलबंद लिफाफे में सीबीआई को सौंपने के लिए तैयार हैं।
न्याय की दिशा में अगला कदम
सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश विकिपीडिया और अन्य सार्वजनिक प्लेटफार्मों पर पीड़िता की निजता की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि सीबीआई और अन्य संबंधित एजेंसियां इस मामले में आगे की जांच को कैसे आगे बढ़ाती हैं और दोषियों को सजा दिलाने में कितनी तेजी से काम करती हैं।
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