डिजिटल डेस्क/ जमशेदपुर : अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग को लेकर आदिवासी कुड़मी समाज ने शनिवार सुबह 5 बजे से झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के करीब 100 रेलवे स्टेशनों पर ‘रेल टेका डोहोर छेका’ (रेल रोको, सड़क घेरो) आंदोलन शुरू किया। इस अनिश्चितकालीन आंदोलन के कारण हावड़ा-मुंबई और टाटा-हटिया रेल मार्गों पर रेल सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। कई ट्रेनें रद्द कर दी गईं, जबकि कई को विभिन्न स्टेशनों पर रोक दिया गया, जिससे हजारों यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

कई स्टेशनों पर रेल ट्रैक जाम
जमशेदपुर के गालूडीह, सीनी, नीमडीह, हेंसालोंग और चक्रधरपुर रेल मंडल के गम्हरिया-सोनी स्टेशनों के बीच कुड़मी समाज के कार्यकर्ताओं ने रेल ट्रैक जाम कर दिया। गालूडीह के काशीडीह रेलवे क्रॉसिंग और सोनी स्टेशन पर हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक पर बैठ गए। सोनी में एक मालगाड़ी को रोक दिया गया, जबकि नीमडीह और हेंसालोंग में टाटा-हटिया पैसेंजर ट्रेन खड़ी है। चक्रधरपुर में किलोमीटर पोल नंबर 273/26-24 के बीच अप, डाउन और थर्ड लाइन को जाम किया गया, जिससे 9 से अधिक एक्सप्रेस और मेमू ट्रेनें प्रभावित हुईं।
आंदोलनकारियों ने निषेधाज्ञा के बावजूद रेल ट्रैक पर कब्जा जमाया। पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने आंदोलनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन कई स्थानों पर प्रदर्शनकारी अड़े रहे। गालूडीह, सोनी, सीनी और गम्हरिया में पुलिस ने आंदोलनकारियों को खदेड़ने का प्रयास किया, लेकिन वे ट्रैक पर डटे रहे।
प्रमुख ट्रेनें प्रभावित, यात्री परेशान
रेल चक्का जाम के कारण हावड़ा-राउरकेला दुरंतो को खड़गपुर में, गीतांजलि एक्सप्रेस को मनोहरपुर में, अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस को राउरकेला में और एरणाकुलम-टाटानगर एक्सप्रेस को सीनी में रोक दिया गया। टाटा-गुवा पैसेंजर, टाटा-खड़गपुर पैसेंजर, टाटा-धनबाद स्वर्णरेखा एक्सप्रेस और पुरुलिया-आसनसोल एक्सप्रेस सहित पांच ट्रेनें रद्द कर दी गईं। कुछ ट्रेनों को वैकल्पिक मार्गों से चलाया जा रहा है।
टाटानगर स्टेशन पर ट्रेनों के रद्द होने और देरी के कारण यात्रियों में भारी नाराजगी है। कई यात्री बसों से अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए, जिसके लिए वे मानगो बस स्टैंड जा रहे हैं। चक्रधरपुर में कुछ स्टेशनों पर खाने-पीने की सुविधा न होने से यात्रियों को गर्मी और असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
पुलिस और प्रशासन की तैयारी नाकाफी
जिला प्रशासन ने आंदोलन की आशंका को देखते हुए स्टेशनों और रेलवे फाटकों पर भारी पुलिस बल और आरपीएफ तैनात किया था। सोनी स्टेशन पर 350 से अधिक जवानों की तैनाती के बावजूद आंदोलनकारी ट्रैक पर बैठ गए। चक्रधरपुर के सोनवा स्टेशन पर अभी तक रेल चक्का जाम शुरू नहीं हुआ है, लेकिन वहां भी कुड़मी समाज के लोग जुटने लगे हैं। पुलिस और रेलवे अधिकारी आंदोलनकारियों से बातचीत कर रहे हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया है।
कुड़मी समाज की मांग
कुड़मी समाज लंबे समय से अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल किए जाने की मांग कर रहा है। इस मांग को लेकर पहले भी कई बार रेल और सड़क जाम किए जा चुके हैं। आंदोलनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी, वे आंदोलन जारी रखेंगे।
रेलवे और जिला प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है, लेकिन रेल चक्का जाम के कारण रेल परिचालन पूरी तरह ठप होने से यात्रियों की परेशानी बढ़ती जा रही है।

