मिरर मीडिया : झारखंड राज्य की गरीब छात्रों की शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने हेतु हेमंत सरकार द्वारा राज्य के छात्रों के लिए झारखण्ड गुरूजी Credit Card Yojana का शुभारंभ किया गया है। जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 26 करोड़ 13 लाख रुपये का बजट शिक्षा के लिए निर्धारित किया गया है। जिसके अंतर्गत झारखंड गुरुजी क्रेडिट कार्ड स्कीम 2023 को लांच किया जाएगा।
वहीं लांच होने के बाद भी अबतक ये धरातल पर नहीं उतर पाया है जिससे कई गरीब बच्चें इससे वंचित है और इसका लाभ नहीं उठा पाँ रहें है। इसी के मद्देनज़र समाजसेवी कुमार मधुरेंद्र ने सूबे के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अविलम्ब इस योजना को धरातल पर उतारने का आग्रह किया है जिससे योग्य बच्चें पढ़ाई के लिए इसका सहयोग लेकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सके।
कुमार मधुरेंद्र ने सम्बंधित विषय पर लिखा है कि
तैयार गुरु जी कार्ड योजना के अंतर्गत अध्ययनरत बच्चे या उसके अभिभावक को बच्चों की पढ़ाई हेतु शिक्षा कार्ड, पांच लाख से नीचे आय वाले को फ्री लोन देने वाली सुविधा पर किन कारणों से अभी तक धरातल पर नहीं आ पाई है जबकि पड़ोसी राज्यों में ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित हो चुकी है।
उन्होंने पत्र के माध्यम से आग्रह किया है कि बच्चों का रिजल्ट घोषित हो चुका है। इसलिए संबंधित विषय पर जल्द से जल्द शिक्षा कार्ड (गुरु जी कार्ड) बैंक लोन, पांच लाख से कम आयु वाले या जो हरा कार्ड धारकों को भी अपने बच्चों को पढ़ाई में सरकारी सहयोग की अत्यंत आवश्यकता है इसलिए अविलंब सभी सुविधाएं बहाल हो।
गौरतलब है कि इस योजना के माध्यम से छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए ऋण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। जिससे किसी भी छात्र को आर्थिक तंगी के कारण अपनी पढाई बीच में छोड़ने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
इस योजना के माध्यम से राज्य के गरीब छात्रों को लोन की राशि उपलब्ध करवाई जाएगी। ताकि जो छात्र-छात्राएं आर्थिक तंगी के कारण आगे की पढ़ाई नहीं कर पाते हैं और वह बीच में ही पढाई छोड़ देते है। उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए सहायता मिल सके। इसके अलावा इस योजना के तहत सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में अन्य सुधार भी किए जाएंगे। अब राज्य के सभी छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे और उनका भविष्य भी उज्जवल होगा।
बता दें कि बहुत से ऐसे छात्र हैं जिनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नही होती है जिसके कारण उनके बच्चे अधिक शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते हैं ऐसे छात्रों के लिए यह योजना कारगर साबित होगी। इससे प्रदेश के नागरिक आत्मनिर्भर एवं सशक्त बन पाएंगे।