बोकारो जिले में जमीन घोटाले का एक नया मामला उजागर हुआ है, जहां चास अंचल क्षेत्र के खम्हारबेंदी मौजा में रैयती जमीन को फर्जी कागजात के सहारे कब्जा कर बिल्डर को बेचने का गंभीर आरोप कांग्रेस नेता जवाहरलाल माहथा और उनके परिवार पर लगाया गया है।
मामले का खुलासा रैयत मृत्युंजय चौधरी ने किया है, जिन्होंने डीसी अजय नाथ झा को लिखित शिकायत देकर आरोप लगाया कि खाता संख्या 134, प्लॉट नंबर 2560, 2561 और 2562 की लगभग 6 एकड़ जमीन—जिसमें डेढ़ एकड़ डीपीएलआर की भूमि भी शामिल है—को कांग्रेस के प्रदेश महासचिव जवाहरलाल माहथा, उनकी पत्नी (जो वर्तमान में खम्हारबेंदी पंचायत की मुखिया हैं) और उनके पुत्र नितेश भारद्वाज (युवा कांग्रेस जिला अध्यक्ष) ने मिलकर 99 बिल्डर को बेच दिया है।
रैयत का दावा है कि इस जमीन की बिक्री फर्जी कागजातों के आधार पर की गई, जिनमें रजिस्टर्ड 2 में छेड़छाड़ और बंगाल से बनवाए गए जाली दस्तावेज भी शामिल हैं। पीड़ित का कहना है कि पूरा परिवार इस जमीन घोटाले में संलिप्त है।
इस संबंध में निदेशालय परियोजना भूमि एवं पुनर्वास विभाग ने भी गंभीर रुख अपनाया है। विभाग के निदेशक द्वारा 8 अक्टूबर 2024 को चास अंचल अधिकारी को पत्र लिखकर प्लॉट संख्या 2562 की डीपीएलआर जमीन पर बाउंड्री वॉल कर कब्जा किए जाने की पुष्टि की गई थी और अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया गया था।
जवाहरलाल माहथा का इनकार
इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए जवाहरलाल माहथा ने सभी आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि डीपीएलआर द्वारा जमीन की मापी कराई गई है और वह जमीन सरकारी भूमि में नहीं आती।
डीसी की सख्त चेतावनी
बोकारो डीसी अजय नाथ झा ने कहा, “जब से मैंने कार्यभार संभाला है, 99 फीसदी मामले जमीन से जुड़े हुए ही आ रहे हैं। यह मामला भी मेरे संज्ञान में है और मैंने निष्पक्ष जांच कर रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिया है। किसी भी सूरत में सरकारी या वन भूमि पर कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
जांच जारी
फिलहाल इस मामले की जांच चास अंचल अधिकारी द्वारा की जा रही है और पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आने वाले दिनों में इस मामले में प्रशासनिक कार्रवाई की दिशा स्पष्ट हो सकती है।