झाझा में भूमि सर्वेक्षण शुरू : जल्द जमा करें स्वघोषणा पत्र : विस्तारपूर्वक जाने सर्वेक्षण के बारे में सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी से…

KK Sagar
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बिहार में भूमि सर्वेक्षण का कार्य जारी है। झाझा प्रखंड में भी 2 अगस्त से भूमि सर्वेक्षण का कार्य शुरू हो चूका है। इस सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य खतियान का निर्माण करना, वर्तमान आधार पर प्लॉट का नक्शा तैयार करने सहित जमीन से सम्बंधित उत्पन्न हुए विवादों को कम करना है। झाझा अंचल कार्यालय में झाझा प्रखण्ड की सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी सह शिविर प्रभारी आश्रिती अपूर्वा ने भूमि सर्वेक्षण को लेकर बताया कि झाझा प्रखंड अंतर्गत 20 पंचायत है जिसमें आने वाले 198 राजस्व ग्राम में सर्वेक्षण का काम शुरू हो चूका है। यहाँ बता दें कि नगर पंचायत में कुल 5 राजस्व ग्राम आते हैं।

स्वघोषणा पत्र को सही सही भरकर अंचल कार्यालय में करें जमा

सर्वेक्षण के पहले प्रक्रम में प्रपत्र एक के तहत बंदोबस्त पदाधिकारी के द्वारा उदघोषणा की जा चुकी है। जबकि ग्राम सभा का भी आयोजन किया जा चूका है। ग्राम सभा के बाद जीतने भी रैयत है उन्हें स्वघोषणा पत्र को सही सही भरकर अंचल कार्यालय में जमा करनी पड़ती है। यानी रैयतधारी को किस आधार से भूमि प्राप्त हुआ है (खतियानी रैयत या केवाला लिया हो) का पूरा ब्यौरा स्वघोषणा पत्र में भरकर जमा करना होता है।

भूमि सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य खतियान का निर्माण करना सहित मौजूदा प्लॉट के आधार नक्शा तैयार करना

शिविर प्रभारी ने बताया कि भूमि सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य खतियान का निर्माण करना है इसके साथ ही वर्तमान में जिस आधार में प्लॉट है उसी आधार के तहत राजस्व ग्राम का नक्शा तैयार करना है। उन्होंने बताया कि जमुई अंतर्गत झाझा में 1905 में हुए सर्वेक्षण के आधार पर ही कार्य किया जा रहा है।

सर्वेक्षण टीम में कुल 32 अमीन, 3 कानूनगो और एक सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी

वहीं प्रखंड के लिए कुल 32 अमीन, 3 कानूनगो और एक सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, झाझा सह शिविर प्रभारी को नियुक्त किया गया है।

198 राजस्व ग्राम के सर्वेक्षण के बाद नगर पंचायत का होगा सर्वेक्षण

शिविर प्रभारी ने बताया कि सर्वप्रथम झाझा प्रखंड अंतर्गत 198 राजस्व ग्राम का सर्वेक्षण पूर्ण किया जाएगा जिसके बाद नगर पंचायत में आने वाले राजस्व ग्राम का सर्वेक्षण किया जाएगा।

सरकारी जमीन बिहार सरकार के नाम से जोड़ा जाएगा

स्वघोषणा पत्र में वंशावली को लेकर उन्होंने बताया कि अगर खतियान है तो खतियान के आधार पर वंशावली तैयार होगी जिसमें सरपंच द्वारा तैयार किया गया वंशावली मान्य है। उन्होंने बताया कि अगर कोई सरकारी जमीन पर रह रहें है और उनके पास जमीन से सम्बंधित किसी भी तरह के दस्तावेज नहीं है तो निश्चित रूप से वह बिहार सरकार की जमीन है और बिहार सरकार के नाम से उसे जोड़ा जाएगा।

खतियानी जमीन के सर्वेक्षण में दखल की कि जाएगी जांच

उन्होंने बताया कि अगर जिनके पास सिर्फ खतियान है तो उन्हें जमाबंदी रशीद प्रस्तुत करनी पड़ेगी। सिर्फ खतियान के आधार पर ये नहीं किया जा सकता अगर किसी के द्वारा उसे बेच दिया गया है तो उक्त व्यक्ति से भी जमीन को लिए जाने का आधार से सम्बंधित दस्तावेज की मांग की जाएगी। जबकि वैसे व्यक्ति जिनके पास सिर्फ खतियान है उनके सर्वेक्षण में भी दखल की जांच की जाएगी।

विवाद वाली जमीन पर कागजात प्रस्तुत करने वाले के आधार पर सर्वेक्षण

विवाद वाली जमीन के सर्वेक्षण को लेकर उन्होंने कहा कि जिस जमीन का विवाद न्यायालय में चल रहा हो तो उसका भी सर्वेक्षण किया जाना है लेकिन जिस व्यक्ति के पास वर्तमान में कागजात उपलब्ध हो और वो प्रस्तुत करता हो तो उसके आधार पर सर्वेक्षण किया जाएगा जबकि न्यायालय में चल रहें विवाद की वाद संख्या को अंकित किया जाएगा।

सर्वेक्षण 1905 के आधार पर इसलिए भूमि मालिक के द्वारा दिये गए प्रत्येक कागजात की होगी जांच

उन्होंने बताया कि चुकी यह सर्वेक्षण 1905 के आधार पर किया जा रहा है तो भूमि मालिक के द्वारा दिये गए प्रत्येक कागजात की जांच की जाएगी। अगर इस दौरान दखल किसी और का और जमाबंदी किसी और की या कहें तो संदेहास्पद लगे तो ऐसी स्थिति में न्यायसंगत निर्णय लिया जाएगा।

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