डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: साहिबगंज जिले के बरहेट विधानसभा क्षेत्र में 2019 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कड़ी टक्कर देने वाले सिमोन मालतो ने भाजपा छोड़कर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का दामन थाम लिया है। भाजपा से नाराज होकर चार दिन पहले ही सिमोन ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इस बार भाजपा ने सिमोन के बजाय संघ के स्वयंसेवक और युवा समाजसेवी गमालियल हेंब्रम को बरहेट से टिकट दिया है।
यह पहली बार नहीं है जब हेमंत सोरेन के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले नेताओं ने पाला बदला हो। दुमका और बरहेट में उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाले दो प्रमुख उम्मीदवार, पूर्व मंत्री लुईस मरांडी और सिमोन मालतो, अब झामुमो में शामिल हो चुके हैं। लुईस मरांडी इस बार जामा विधानसभा क्षेत्र से झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।
2019 के चुनाव का परिणाम और वर्तमान स्थिति
2019 में बरहेट सीट पर हेमंत सोरेन ने भाजपा के उम्मीदवार सिमोन मालतो को 25,740 वोटों के अंतर से हराया था। उस चुनाव में हेमंत सोरेन को 73,725 वोट मिले थे, जबकि सिमोन मालतो को 47,985 वोट प्राप्त हुए थे।
झामुमो में सिमोन मालतो का स्वागत
रांची के कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवासीय परिसर में बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की उपस्थिति में सिमोन मालतो अपने दर्जनभर से अधिक समर्थकों के साथ झामुमो में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने उन्हें झामुमो की सदस्यता दिलाते हुए उनका स्वागत किया।
सोशल मीडिया पर हेमंत सोरेन की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इस घटना को साझा करते हुए लिखा, “सताल परगना में बरहेट से भाजपा नेता सिमोन मालतो ने अपने समर्थकों के साथ आज झामुमो परिवार का दामन थामा। आप सभी का झामुमो परिवार में हार्दिक स्वागत है, जोहार।”
सिमोन मालतो का इस्तीफा और भाजपा से नाराजगी
सिमोन मालतो ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को भेजे अपने इस्तीफे में पार्टी पर उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वह जिस आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय से आते हैं, भाजपा ने उस समुदाय के किसी भी व्यक्ति को इस बार उम्मीदवार नहीं बनाया। उन्होंने कहा कि पहाड़िया समुदाय भाजपा का पारंपरिक वोटर रहा है, लेकिन पार्टी की उपेक्षा के कारण यह समुदाय अपमानित महसूस कर रहा है।
बरहेट की राजनीति में नए समीकरण
सिमोन मालतो के झामुमो में शामिल होने से बरहेट विधानसभा सीट पर राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं।