डिजिटल डेस्क। पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों के बाद जहां NDA ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की, वहीं विपक्षी RJD ने अब भोजपुरी गानों को लेकर कानूनी मोर्चा खोल दिया है। पार्टी ने 32 भोजपुरी गायकों और संगीत कंपनियों को नोटिस जारी कर मानहानि और कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप लगाया है। RJD का दावा है कि इन गानों ने पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाया और चुनावी हार का एक कारण बने।
20 नवंबर को नीतीश कुमार ने दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जबकि सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने फिर से उपमुख्यमंत्री का दायित्व संभाला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे विकास और सुशासन की जीत बताया। विपक्ष ने वोटर लिस्ट रिवीजन (SIR) और EVM पर सवाल उठाए, लेकिन चुनाव आयोग ने इन्हें खारिज कर दिया।
भोजपुरी गानों का ‘जंगलराज’ कनेक्शन
चुनाव प्रचार के दौरान सोशल मीडिया पर वायरल हुए भोजपुरी गाने NDA के लिए ‘हथियार’ साबित हुए। पीएम मोदी ने रैलियों में इन्हें “जंगलराज-2” का प्रतीक बताते हुए RJD पर निशाना साधा।
मुख्य गानें
- “आएगी भइया की सरकार, बनेंगे रंगदार”: रंगदारी और हिंसा का आरोप।
- “मारब सिक्सर के छह गोली छाती में”: गोलीबारी को बढ़ावा देने वाला।
- “लठिया के जोर से लनटेनवा”: RJD के प्रतीक लालटेन पर हमला।
ये गाने लाखों व्यूज बटोर चुके थे और गैर-यादव वोटरों में डर पैदा करने का काम किया। RJD का कहना है कि ये गाने बिना अनुमति पार्टी नेताओं के नाम का इस्तेमाल करते हुए बने, जिससे ‘यादव गौरव’ की छवि खराब हुई। पार्टी प्रवक्ता ने कहा, ‘ये साजिश थी, जिसने हमारी हार में योगदान दिया।’
राजद की ओर से 32 नोटिस, सख्त चेतावनी
22-23 नवंबर को तेजस्वी यादव के निर्देश पर RJD ने 32 गायकों (जैसे टुनटुन यादव, दीपक राज यादव, खुषबू राज) को नोटिस भेजे। इसमें मानहानि, जातिवाद फैलाने और कॉपीराइट का उल्लंघन शामिल है। पार्टी ने कहा कि संतोषजनक जवाब न मिलने पर अदालती कार्रवाई होगी। कुछ रिपोर्ट्स में 12 गायकों का जिक्र है, लेकिन आधिकारिक तौर पर 32 की पुष्टि हुई।
इंटरनेट मीडिया पर कई गायकों ने इसे कलात्मक स्वतंत्रता बताया, लेकिन RJD का दबाव बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि ये गाने वोट पोलराइजेशन का कारण बने, खासकर महिलाओं और गैर-यादव समुदायों में एनडीए को फायदा पहुंचा।

