झारखंड सरकार द्वारा प्रतियोगिता परीक्षा में मैथिली को शामिल नहीं करने पर मैथिली भाषियों ने किया विरोध प्रदर्शन

Anupam Kumar
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जमशेडपुर।एग्रीको गोल चक्कर पर झारखंड सरकार द्वारा प्रतियोगिता परीक्षा में क्षेत्रीय भाषा के रूप में मैथिली भाषा को शामिल नहीं करने के विरोध में मिथिला सांस्कृतिक परिषद जमशेदपुर, चित्रगुप्त विकास समिति कर्ण गोष्ठी एवं समस्त मैथिली द्वारा एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया गया। ज्ञातव्य हो कि मैथिली भाषा संविधान की अष्टम अनुसूची के साथ-साथ झारखंड की द्वितीय राजभाषा भी है। फिर भी जिला बार नियुक्तियों में क्षेत्रीय भाषा के रूप में सम्मान नहीं देकर झारखंड के 20 लाख मैथिल वासियों के साथ घोर अन्याय किया गया है। झारखंड निर्माण में विभिन्न मैथिल वासियों का अहम योगदान रहा है ।सरकार से हमारी मांग है कि मैथिली भाषा को उचित सम्मान दें एवं सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं में क्षेत्रीय भाषा के रूप में रखा जाए।
आज के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में गणेश झा,परिषद अध्यक्ष लक्ष्मण झा,राजेश कुमार झा, कार्यक्रम संयोजक धर्मेश कुमार झा (लड्डू जी) चित्रगुप्त विकास समिति के महासचिव राजेंद्र कुमार कर्ण, प्रोफेसर रविन्द्र चौधरी, दिलिप झा,नवल किशोर झा, कैलाश झा, देवेंद्र झा,पंकज राय,मोहन ठाकुर,चंदन मिश्र,शंकर पाठक, राजीव मिश्र,चंद्रभाल झा ,मनोज कुमार दास, अशोक कुमार चौधरी, नागेंद्र कुमार कर्ण, रोशन कुमार,उदय मोहनलाल,दीव दास,दीलिप कर्ण,मोहन ठाकुर, रजनी कांत मिश्र,रतन कुमार, बिजेंद्र झा, अरुण कुमार झा (जेसीबी), मुखिया जी, आर्यन, आदि मैथिलजन भारी संख्या में लोग उपस्थित हुए।

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