मिरर मीडिया : जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआरडीए) कार्यालय के सभागार में उपायुक्त संदीप सिंह की अध्यक्षता में ‘’ग्रामीणों की आस, मनरेगा से विकास’’ अभियान को लेकर कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला का शुभारंभ उपायुक्त के द्वारा किया गया। मौके पर उप विकास आयुक्त दशरथ चंद्र दास, सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी, परियोजना पदाधिकारी मनोज कुमार, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक (जेएसएलपीएस), सभी प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी (मनरेगा), जिला संसाधन व्यक्ति (सामाजिक अंकेक्षण इकाई), प्रखंड कार्यक्रम प्रबन्धक (जेएसएलपीएस), सभी प्रखण्ड संसाधन व्यक्ति (सामाजिक अंकेक्षण इकाई) समेत डीआरडीए कर्मी आदि उपस्थित थे।
इस मौके पर अपने संबोधन में उप विकास आयुक्त ने विस्तार से ‘’ग्रामीणों की आस, मनरेगा से विकास’’ अभियान के संदर्भ में बताया। इस अभियान के उद्देश्यों पर भी चर्चा की।
उन्होंने कहा कि यह अभियान आगामी 15 दिसंबर तक जारी रहेगा। राज्य द्वारा विभिन्न श्रेणियों (मानव दिवस सृजन, महिला भागीदारी, एसटी-एससी भागीदारी आदि) में खराब प्रदर्शन करने वाले राज्य के कुल 168 प्रखंडों को चिन्हित किया है। इन्हीं प्रखंडों में मनरेगा के प्रदर्शन को बेहतर करने, इसके उद्देश्य को पूरा करने के लिए इस अभियान को शुरू किया गया है। इस जिले के भी चार प्रखंडों को इसमें अविलंब सुधार की आवश्यकता है। इस अभियान के तहत शामिल प्रखंड के अलावा शेष प्रखंडों में भी यह अभियान जारी रहेगा। ताकि मनरेगा के कार्यों में अपेक्षित प्रगति दर्ज हो सके।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य मनरेगा में संचालित योजनाओं का परिणाम बेहतर करना है। मनरेगा योज़ना महत्वकांक्षी योजना है। इसका उद्देश्य वैसे लोग को रोजगार मुहैया करवाना है जिसके पास कोई रोजगार नहीं है। इस अभियान में जो लक्ष्य सरकार से दिया गया है उसे पूर्ण करें।
उन्होंने यह भी कहा कि रिजेक्ट ट्रांजैक्शन एवं पुरानी योजनाओं को पूर्ण कराना है। महिला मेट को शतप्रतिशत कैसे सुनिश्चित करें इस पर ध्यान देने की जरूरत है। लोगों में जागरूकता की कमी है, लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। मेट को ससमय मजदूरी का भुगतान करें।
मौके पर परियोजना पदाधिकारी मनोज कुमार ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से अभियान के कार्यक्रम (समय सारिणी, प्रतिभागी, अध्यक्षता), उसके उद्देश्य, जागरूकता कार्यक्रम, रोजगार महादिवस का आयोजन, ग्राम सभा का आयोजन, गैर सरकारी संगठनों की भूमिका, अभियान का लक्ष्य के संबंध में बताया।
उन्होंने बताया कि मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाएं। राज्य के औसत प्रतिशत से जिले का प्रतिशत ज्यादा हो इस लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ें। मानव दिवस सृजन में प्रगति लाएं। एससी – एसटी मजदूरों की भागीदारी बढ़ाएं, लोगों का पलायन रोकें। साथ ही, छोटी – मोटी योजना जो अपूर्ण है, उसे अविलंब पूर्ण करें। प्रत्येक गांव/टोले में हर समय औसतन 5 – 6 योजनाओं का क्रियान्वयन हो इसे सभी सुनिश्चित करेंगे। कार्यशाला में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी प्रकाश डाला गया। संबंधित सभी विभागों को आपस में समन्वय बनाकर कार्य के गति बढ़ाने पर बल दिया गया।