दुर्गा पूजा से पहले ममता सरकार 10 लाख महिलाओं को देगी साड़ी, भाजपा ने उठाए सवाल

Manju
By Manju
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डिजिटल डेस्क।कोलकाता : बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार ने एक और लोकलुभावन योजना की घोषणा की है। इस दुर्गा पूजा में राज्य की लगभग 10 लाख गरीब महिलाओं को पारंपरिक तांत साड़ियां उपहार स्वरूप दी जाएंगी। राज्य सरकार का दावा है कि इस योजना का उद्देश्य उन महिलाओं की मदद करना है जो त्योहार के दौरान नए कपड़े नहीं खरीद सकतीं। इस योजना पर अनुमानित 15 करोड़ का खर्च आएगा।

हालांकि, राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने इस कदम की कड़ी आलोचना की है। भाजपा नेताओं का कहना है कि यह चुनावी फायदा उठाने के लिए उठाया गया कदम है, खासकर तब जब राज्य पर 7 लाख करोड़ से अधिक का भारी कर्ज है। उनके अनुसार, तृणमूल सरकार सिर्फ अपनी सत्ता बचाने के लिए ऐसे लोकलुभावन फैसले ले रही है।

इस आरोप पर, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने जवाब दिया है कि यह योजना पूरी तरह से राजनीतिक भेदभाव से मुक्त है। यह पहली बार नहीं है जब सरकार ने इस तरह का कदम उठाया है। इससे पहले, ममता सरकार ने दुर्गा पूजा समितियों को मिलने वाले वार्षिक सरकारी अनुदान में 25,000 रुपए की बढ़ोतरी और बिजली बिल में 80% की छूट की घोषणा की थी। इसके बाद, राज्य की 45,000 से अधिक दुर्गा पूजा समितियों को इस साल ₹1.10 लाख मिलेंगे, जो पिछले साल 85,000 रुपए थे।

सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाएं

ममता सरकार ने हाल ही में प्रवासी बंगाली श्रमिकों के लिए श्रमश्री योजना भी शुरू की है। इस योजना के तहत, दूसरे राज्यों से लौटने वाले श्रमिकों को 5,000 रुपए का एकमुश्त भुगतान मिलेगा और जब तक उन्हें नया काम नहीं मिलता, तब तक उन्हें प्रति माह 5,000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

इसके अलावा, सरकार लक्ष्मी भंडार जैसी योजनाएं भी चला रही है, जिसमें सामान्य वर्ग की महिलाओं को मासिक 1,000 रुपए और एससी-एसटी वर्ग की महिलाओं को 1,200 रुपए दिए जाते हैं। बाल विवाह को रोकने के लिए कन्याश्री और रूपश्री जैसी योजनाएं भी सक्रिय हैं, जिनके तहत लड़कियों को शिक्षा और विवाह के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

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