डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े से बड़ा झटका लगा है। जानकारी के अनुसार, किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने ममता को अखाड़े से निष्कासित कर दिया है। इसके अलावा, आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी अखाड़े से बाहर कर दिया गया है, क्योंकि उन्होंने ममता को अखाड़े में शामिल किया था और उनकी जानकारी के बिना उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दी थी।
ममता को महामंडलेश्वर की दी गई थी उपाधि
ममता कुलकर्णी ने हाल ही में महाकुंभ में संन्यास लिया और किन्नर अखाड़े से दीक्षा ली थी। इसके बाद उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि से नवाजा गया और उनका नया नाम “श्री यामाई ममता नंद गिरि” रखा गया था। ममता ने एक वीडियो जारी कर बताया था कि संन्यास लेने के बाद वे संगम, काशी और अयोध्या की यात्रा करेंगी। उन्होंने अपने गुरु श्री चैतन्य गगन गिरि से 23 साल पहले दीक्षा ली थी और अब वे पूरी तरह से संन्यासिनी बन चुकी हैं।
आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर आरोप
ऋषि अजय दास ने एक पत्र जारी कर आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि त्रिपाठी ने उनकी सहमति के बिना ममता को महामंडलेश्वर की उपाधि दी और किन्नर अखाड़े के सिद्धांतों को दरकिनार कर जूना अखाड़े से अनुबंध किया, जो न केवल अनैतिक था, बल्कि देशहित और सनातन धर्म के खिलाफ भी था।
नैतिकता और सनातन धर्म का उल्लंघन
ऋषि अजय दास ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि किन्नर अखाड़े के सिद्धांतों के खिलाफ जाकर त्रिपाठी ने ममता को इस पद पर प्रतिष्ठित किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्रवाई न केवल धर्म विरोधी है, बल्कि समाज और सनातन धर्म के खिलाफ भी है। उन्होंने यह भी बताया कि किन्नर अखाड़े के प्रतीक चिन्हों को भी नुकसान पहुंचाया गया है और अब किन्नर अखाड़े के सिद्धांतों का उल्लंघन किया जा रहा है।