मिरर मीडिया : रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद पूरी दुनिया में हलचल देखने को मिल रही है। वहीं युक्रेन की हालत काफी बद्तर होती जा रही है। इसी क्रम में दुनिया के कई देशों ने मास्को पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं। दुनिया के कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने इसके लिए क्रेमलिन पर दबाव बनाने की कोशिश के तहत ये प्रतिबंध लगाए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अमेरिका ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंधों का ऐलान कर दिया है जिसमें उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव पर प्रतिबंधों की घोषणा की। इनपर अमेरिका में ट्रैवल बैन रहेगा। इसके बाद बाइडेन ने रूस के चार बैंकों पर प्रतिबंध लगा दिया है जिसके तहत रूस का तकनीकी आयात बाधित हो सकता है। इससे रूसी अरबपतियों पर असर पड़ेगा। रूस की बड़ी ऊर्ज कंपनी गजप्रोम सहित 12 कंपनियों पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगा दिया। रूस को निर्यात होने वाले रक्षा और एयरोनॉटिक्स उपकरणों पर भी प्रतिबंध लगाया गया।
जबकी यूरोपीय यूनियन ने रूस के विदेश नीति के प्रमुख जोसेफ बोरेल पर कड़े प्रतिबंध लगाते हुए उन्हें निष्ठुर व्यक्ति कहा है। इसके अलावा यूरोपीय संघ के बैंकों में रूसी व्यक्तियों के पैसा जमा करने की क्षमता भी प्रभावित होगी। यूरोपीय यूनियन के सभी 27 देशों में रूस के कई व्यक्तियों को आने पर रोक होगी और इनकी संपत्ति भी यहां सीज होगी।
वहीं ब्रिटेन ने भी शुक्रवार को पुतिन और लावरोव की सभी संपत्तियों को फ्रीज करने और अपने हवाई क्षेत्र रूसी अरबपतियों के जेट विमानों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। पुतिन और लावरोव के अलावा कई लोगों की ब्रिटेन में संपत्ति और बैंक अकाउंट को फ्रीज करने का भी आदेश दिया गया है। इससे पहले भी ब्रिटेन ने रूस बैंक वीटीबी और रक्षा निर्माता कंपनी रोस्टेक की संपत्ति को फ्रीज कर चुका है।
जबकि कनाडा ने पुतिन और लावरोव पर प्रतिबंध के अलावा रूस को स्विफ्ट पैमेंट सिस्टम से बाहर कर दिया है। कनाडा ने रूस के करीब 60 प्रभावशाली व्यक्तियों और बैंकों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं।
इधर जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने यूक्रेन के यथास्थिति में बदलाव के लिए पुतिन की आलोचना करते हुए सेमीकंडक्टर के आयात को रोक दिया है। सेमीकंडक्टर की इस समय पूरे विश्व में किल्लत है। जापान के अलावा ताइवान भी रूस पर कुछ प्रतिबंध लगाए हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया ने रूस के 25 व्यक्तियों, बैंकों, वित्तीय संस्थाओं आदि को अब तक प्रतिबंधित कर दिया है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने रूस को मदद देने के लिए चीन की आलोचना की है।