मिरर मीडिया धनबाद : झारखंड स्टेट बार काउंसिल के आह्वान पर लगातार दूसरे दिन भी धनबाद बार एसोसिएशन के तमाम अधिवक्ताओं ने खुद को न्यायिक कार्यों से अलग रखते हुए कार्य का बहिष्कार किया। वहीं आंदोलन के कारण धनबाद के चर्चित नीरज हत्याकांड की सुनवाई में भी अधिवक्ता उपस्थित नहीं हुए। हालाकि पूर्व विधायक संजीव सिंह समेत अन्य आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिलेश कुमार के अदालत में पेश किया गया। परंतु अधिवक्ता उपस्थित नहीं होने के कारण उस मामले में भी सुनवाई टल गई।
वही 43 विभिन्न जमानत आवेदनों पर भी बहस करने के लिए अधिवक्ता हाजिर नहीं हुए। 37 गवाहों का प्रति परीक्षण नहीं किया जा सका तथा मेडिएशन सेंटर में भी सुलह समझौते का काम नहीं किया जा सका। इधर स्टेट बार काउंसिल के स्टीयरिंग कमिटी के चेयरमैन राधेश्याम गोस्वामी, बार काउंसिल के मेंबर प्रयाग महतो ने कहा कि अधिवक्ताओं के एकता को सरकार नहीं तोड़ सकती। धनबाद में सभी अधिवक्ताओं ने आज भी खुद को न्यायिक कार्य से अलग रखा है और काउंसिल के निर्णय के साथ है।
वहीं दूसरी ओर धनबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र सहाय, महासचिव जितेंद्र कुमार ने कहा कि धनबाद बार एसोसिएशन ने बार काउंसिल के आदेश पर खुद को नए कार्यों से अलग रखा है। ऐसोसिएशन ने सरकार से कोर्ट फी को आम जनता के हित में वापस लेने का आग्रह किया है। साथ ही अधिवक्ताओं का बीमा, बार एसोसिएशन में लोक अभियोजक, को अधिवक्ताओं के बीच से बहाल करने, अपर लोक अभियोजकों की संख्या को बढ़ाने, अधिवक्ताओं के हित के लिए कल्याण कोष का गठन करने, अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की है। 8 तारीख को बार काउंसिल के साथ सभी जिला एसोसिएशन के अध्यक्ष और महासचिव की बैठक है उसमें जैसा निर्णय होगा उस अनुसार कार्रवाई की जाएगी।