नई दिल्ली, 16 फरवरी: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 पर शनिवार देर रात भगदड़ मच गई। इस हादसे में अब तक 18 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अन्य घायल बताए जा रहे हैं। एलएनजेपी अस्पताल के मुख्य आपात चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि मृतकों में 14 महिलाएं, बच्चे और पुरुष शामिल हैं। कुछ घायलों को लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज भी ले जाया गया है।
कैसे हुआ हादसा?
रेलवे प्रशासन के अनुसार, घटना रात करीब 10 बजे हुई। प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 पर भीड़ बहुत अधिक थी, जिससे कुछ लोग बेहोश हो गए और अचानक भगदड़ मच गई। इसके बाद स्टेशन पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
रेलवे प्रशासन ने बताया कि महाकुंभ में जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बहुत अधिक थी, जिससे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ जमा हो गई। अधिक भीड़ को संभालने के लिए प्रशासन ने पूरी कोशिश की, लेकिन स्थिति बेकाबू हो गई।
मृतकों की पहचान
इस हादसे में बिहार, दिल्ली और हरियाणा के कई लोगों की जान चली गई। मृतकों में बक्सर की 79 वर्षीय आहा देवी, संगम विहार की पिंकी देवी, सरिता विहार की शीला देवी, बवाना के 25 वर्षीय व्योम, सारण की पूनम देवी, पटना की ललिता देवी, मुजफ्फरपुर की 11 वर्षीय सुरुचि, समस्तीपुर के विजय साह और कृष्णा देवी, वैशाली के 12 वर्षीय नीरज, नवादा की शांति देवी और उनकी 8 वर्षीय बेटी पूजा, भिवानी की संगीता मलिक, महावीर एन्क्लेव की पूनम, नांगलोई की ममता झा और 47 वर्षीय मनोज, सागरपुर की 7 वर्षीय रिया सिंह और बिजवासन की बेबी कुमारी शामिल हैं।
रेलवे अधिकारियों का घटनास्थल का दौरा, जांच के आदेश
घटना के बाद रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश कुमार, आरपीएफ के महानिदेशक, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का आकलन किया। रेलवे ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और घायलों का इलाज
भगदड़ के बाद घायलों को एम्बुलेंस के जरिए अस्पताल ले जाया गया। कुछ घायलों का इलाज एलएनजेपी अस्पताल में हो रहा है, जबकि कुछ को लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज भेजा गया है।
यात्रियों का बयान
घटनास्थल पर मौजूद अमरिंदर कुमार नामक यात्री ने बताया, “महाकुंभ के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ बहुत ज्यादा थी। रेलवे प्रशासन ने भीड़ को संभालने की कोशिश की, लेकिन हालात बिगड़ गए।”
इस हादसे ने रेलवे प्रशासन की भीड़ नियंत्रण व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने और सुरक्षा व्यवस्थाओं को मजबूत करने की मांग की जा रही है।