जमशेदपुर : भाजमो जमशेदपुर महानगर इकाई के प्रतिनिधिमंडल ने जिलाध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव के नेतृत्व में उपायुक्त के माध्यम से झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम ज्ञापन सौंप कर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को अविलंब मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की गई है। उपायुक्त कार्यालय में जिलाध्यक्ष के साथ जिला उपाध्यक्ष दुर्गा राव, जिला मंत्री राजेश झा, विकास गुप्ता, जिलाध्यक्ष अनुसूचित जनजाति मोर्चा प्रकाश कोया, बारीडीह मंडल अध्यक्ष विजयनारायण, गोलमुरी प्रतिनिधि असीम पाठक, साकची पश्चिम मंडल अध्यक्ष राघवेन्द्र प्रताप सिंह, सोशल मीडिया प्रतिनिधि शेषनाथ पाठक, बर्मामाइंस मंडल अध्यक्ष नागेंद्र सिंह, शंकर कर्मकार जल प्रभारी, तिलेश्वर प्रजापति अध्यक्ष कदमा मंडल, बरूण सिंह अध्यक्ष साकची मंडल, कमल किशोर प्रतिनिधि बर्मामाइंस, अनिकेत सावरकर युवाध्यक्ष गोलमुरी,राजू सिंहा, राजन कुजूर, जितेंद्र कुमार, विजय नायक, शिव कुमार यादव, त्रिलोचन सिंह कार्यालय प्रभारी ज्ञापन सौंपने पहुंचे थे। भाजमो नेताओं ने कहा कि घोटाले से जुड़े सबूत विधायक सरयू राय के द्वारा प्रमाण के साथ दिए जाने के बाद बन्ना गुप्ता को मंत्री परिषद में बने रहने का अधिकार नहीं है। सुबोध श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड काल में झारखंड में स्वास्थ्य कर्मियों, चिकित्सा कर्मियों सहित अन्य फ्रंटलाइन कोविड वारियर्स को उनकी सेवा के लिए एक माह के वेतन के समतुल्य प्रोत्साहन राशि प्रदान की जानी थी। इसके लिए कोरोना वारियर्स की जो सूची बनी थी उसमें स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने 60 अतिरिक्त लोगों का नाम जोड़ दिया जिसमें उनके आप्त सचिवों, निजी सहायकों, अंगरक्षकों सहित अन्य एवं स्वयं मंत्री शामिल हैं. मंत्री ने अपने पद का दुरुपयोग कर अयोग्य लोगों को प्रोत्साहन राशि से लाभान्वित कर दिया। जब मामला सामने आया तो मंत्री ने सरकारी अवकाश के दिन फाइलों और सरकारी दस्तावेजों को छेड़छाड़ करने भी प्रयास किया। मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह ऐलान किया था कि किसी भी कर्मी को प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं हुआ है। जबकि 60 में 54 कर्मियों के बैंक एकाउंट में डोरंडा कोषागार से राशि हस्तांतरित हो चुकी है। सुबोध ने कहा कि मंत्री ने राज्य की जनता के समक्ष सफेद झूठ बोला है। भ्रष्टाचार में संलिप्त मंत्री को सरकार में रखना राज्य की सवा करोड़ जनता का अपमान होगा। उन्होनें कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री को राज्य के मुखिया होने के नाते तत्काल ऐसे मंत्री को अपने कैबिनेट से बर्खास्त कर उनके विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चत करना चाहिए।