मिरर मीडिया : झारखंड में सरकारी जमीन का दुरूपयोग करते हुए खरीद बिक्री व कब्ज़ा करने का मामला अब तूल पकड़ते जा रहा है। रांची में जमीन घोटाले के बाद अब राज्य के कई जिले में इसकी जांच पड़ताल शुरू की जा रही है। इसी क्रम में सरकारी जमीन पर हो रहे कब्जे की जांच को लेकर पूरे जिले में जमीन की नापी का काम किया जा रहा है।
धनबाद में अब तक 200, टुंडी में 15 सौ,बलियापुर में 800 एकड़ जमीन व गोविंदपुर, निरसा, बाघमारा, कलिया सोल, ग्यारहकुंड, पुटकी तथा झरिया अंचल में भी काफी संख्या में प्लॉटों की जांच की गई है जिसमें कई भवन सरकारी जमीन पर होने की बात सामने आई है विभाग की ओर से नोटिस जारी होने पर सभी के नाम सामने आएंगे।
जिला परिषद की 14 एकड़ जमीन की भी अंचल कार्यालय की ओर से शनिवार को नापी की गई जिसमें यह पता चला कि एसएसपी आवास,उप विकास आयुक्त आवास सहित यूनियन क्लब , यूनियन क्लब का मार्केट, कांग्रेस भवन और बीएसएस महिला कॉलेज जिला परिषद की जमीन पर बनाई गई है।
वही लुबी सर्कुलर रोड पर स्थित और भी कई प्लॉट की नापी की जाएगी इसको लेकर प्लान पर काम किया जा रहा है डीसी आवास और परिसदन के आसपास जितने भी प्लॉट है सभी की नापी की जाएगी इसको लेकर अंचल कार्यालय की ओर से तैयारी की जा रही है सरकार के आदेश पर गैरमजरूआ जमीन की नापी और डिजिटल मैपिंग की जा रही है ताकि गड़बडी न की जा सके।
पूरे मामले पर जानकारी देते हुए धनबाद अंचल अधिकारी प्रशांत लायक ने बताया कि जिला परिषद की 14 एकड़ जमीन पर यूनियन क्लब, डीडीसी आवास, एसएसपी आवास सहित अन्य मार्केट जिला परिषद की है इसको रिपोर्ट भी तैयार कर ली गई है साथ ही शहर के अन्य इलाकों में भी भवनों की जांच की जा रही है।
वहीं समाजसेवी कुमार मधुरेंद्र ने भी सरकारी जमीन मामले में सरकार की जमीन नीति पर सवालिया निशान खड़ा किया है। उन्होंने बताया कि आज अमूमन ना खतियान मिलता है और ना ही मूल पंजी-2 और ना ही अधिग्रहण पंचाट तथा वन भूमि का नोटिफिकेशन जिसके कारण हजारों एकड़ गैरमजरूआ भूमि, वन भूमि, अधिग्रहित भूमि, छप्परबन्दी भूमि, भूदान की भूमि, केसरे हिन्द भूमि, गोचर भूमि, के कागजातों का संधारण नहीं है, जिसके वजह से भू-माफिया हावी हैं। इसलिए सरकार को इस दिशा में पहल करने की जरूरत है।

वहीं इन भुमि पर निगम बने मकान या दुकान पर जल टैक्स, सफ़ाई टैक्स एवं अन्य होल्डिंग टैक्स लेती है तो पुराने डीड होने पर भी जो आज रजिस्ट्री या जमीन की रसीद पर रोक लगाई है पर फिर सरकार सभी टैक्स क्यों ले रही है?
बता दें की जमीन घोटाले मामले में रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन पर कार्रवाई के बाद धनबाद , सहित पूरे राज्य में जमीन हेराफेरी कर फर्जी तरीके से बेचे जाने की जॉच शुरू हो गई है। इस मामले में कई अधिकारियों के विरुद्ध जांच भी चल रही है। अब सरकारी जमीनों की हो रही नापी के बाद अधिग्रहण के कितने मामले सामने आते हैं और क्या करवाई होती है यह देखना होगा।