डिजिटल डेस्क/कोलकाता: पश्चिम बंगाल में घरेलू प्रीपेड स्मार्ट मीटर की योजना पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। राज्य के बिजली मंत्री अरूप विश्वास ने विधानसभा में ऐलान किया कि पहले से लगे स्मार्ट मीटरों को अब सामान्य मीटर की तरह माना जाएगा और उपभोक्ताओं को बिजली बिल हर तीन महीने में एक बार चुकाना होगा। विश्वास ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश पर स्मार्ट मीटर लगाने का फैसला लिया गया था, लेकिन जनता के व्यापक विरोध और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हस्तक्षेप के बाद इस प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया। उन्होंने कहा ‘स्मार्ट मीटर जबरन थोपे गए थे। मैं मुख्यमंत्री को इस प्रक्रिया को रोकने के लिए धन्यवाद देता हूं।’
हावड़ा, उत्तर 24 परगना और बर्द्धमान जैसे जिलों में स्मार्ट मीटर के खिलाफ तीखा विरोध देखा गया, जहां लोगों ने शिकायत की कि मीटर लगने के बाद उनके बिजली बिल दोगुने-तिगुने हो गए। इसके बाद ममता बनर्जी के निर्देश पर स्मार्ट मीटर लगाने का काम रोक दिया गया। राज्य बिजली विभाग ने भी आदेश जारी कर इस प्रक्रिया को तत्काल स्थगित करने की पुष्टि की। अब उपभोक्ताओं को पुराने तरीके से त्रैमासिक बिलिंग के आधार पर भुगतान करना होगा, जिससे उन्हें राहत मिलने की उम्मीद है।