डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: मेक्सिको के राजनीतिक इतिहास में एक नया अध्याय लिखा गया है। देश को उसकी पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में क्लाउडिया शीनबाम मिली हैं, जिन्होंने मेक्सिको सिटी की राजधानी में राष्ट्रपति पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण के साथ ही वे देश की 66वीं राष्ट्रपति बन गईं। उन्होंने ऐसे समय में यह पद संभाला है जब मेक्सिको अपराध और हिंसा के जाल में फंसा हुआ है। अपने शपथ ग्रहण के बाद क्लाउडिया ने दृढ़ता से कहा कि वे देश में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों और हिंसा को जड़ से खत्म करने के लिए हर संभव कदम उठाएंगी। उन्होंने इसके लिए ‘सामाजिक नीति’ का सहारा लेने की बात कही है।
साइंटिस्ट से नेता तक का सफर
क्लाउडिया शीनबाम, जो पहले मेक्सिको की मेयर रह चुकी हैं, एक साइंटिस्ट से नेता बनने तक का दिलचस्प सफर तय कर चुकी हैं। मेक्सिको, जो दुनिया का सबसे बड़ा स्पेनिश भाषी देश है, की जनता ने उन्हें उनके दृष्टिकोण और नेतृत्व के लिए चुना। उन्होंने आंद्रेस मैनुअल लोपेज़ ओब्रेडोर की जगह ली है। 62 वर्षीय क्लाउडिया ने छह साल के कार्यकाल के लिए कांग्रेस सदन में राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण की।
यहूदी पृष्ठभूमि की पहली राष्ट्रपति
क्लाउडिया शीनबाम मेक्सिको की यहूदी पृष्ठभूमि की पहली राष्ट्रपति हैं। उन्होंने अपने पूर्ववर्ती लोपेज़ की नीतियों के खिलाफ चुनाव लड़ा और जनता के सामने अपना वैकल्पिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया, जिसे लोगों का व्यापक समर्थन मिला। हालांकि, उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती देश में फैले माफिया और ड्रग कार्टेल से निपटना होगा, क्योंकि मेक्सिको लंबे समय से हिंसा और माफिया गतिविधियों के लिए कुख्यात है।
आर्थिक समस्याओं से निपटने का संकल्प
राष्ट्रपति बनने के बाद क्लाउडिया शीनबाम का पहला दौरा अकापुल्को के समुद्री तटों पर होगा, जहां हाल ही में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी। इसके अलावा, वह देश की अर्थव्यवस्था की चुनौतियों पर भी गंभीरता से ध्यान देंगी। विशेषज्ञों का कहना है कि माफिया और अपराध से निपटना शीनबाम के लिए आसान नहीं होगा, लेकिन उनकी दृढ़ता और नीतियों के जरिए यह देखना दिलचस्प होगा कि वह इन समस्याओं का सामना कैसे करती हैं।
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