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मंत्री पद, विवाद और किस्मत का खेल: राधा कृष्ण किशोर बने चर्चा का केंद्र : इधर पत्र लीक से मचा बवाल

रांची: झारखंड की राजनीति में विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के मंत्री पदों और विभागों के बंटवारे को लेकर घमासान मच गया है। हेमंत सोरेन सरकार में सबसे बुजुर्ग मंत्री बने राधा कृष्ण किशोर की किस्मत ने लगातार उनका साथ दिया। छतरपुर सीट से महज 736 वोटों से जीत हासिल कर उन्होंने न केवल मंत्री पद पाया, बल्कि कांग्रेस आलाकमान की अनुशंसा पर उन्हें नंबर दो का मंत्री बनाए जाने की भी सिफारिश हुई।

कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय संगठन महासचिव द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजे गए पत्र में राधा कृष्ण किशोर को वित्त, योजना एवं विकास, वाणिज्य कर और खाद्य आपूर्ति मंत्रालय देने की बात कही गई। इसके साथ ही दीपिका पांडे सिंह, डॉक्टर इरफान अंसारी और शिल्पी नेहा तिर्की के लिए भी विभागों की अनुशंसा की गई।

पत्र लीक से हुआ विवाद

गुरुवार को विभागों का बंटवारा होना था, लेकिन इससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव का मुख्यमंत्री को भेजा गया पत्र लीक हो गया। इस पत्र में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों को दिए जाने वाले विभागों का ब्योरा था। पत्र लीक होते ही यह वायरल हो गया, जिससे कांग्रेस में विवाद शुरू हो गया।

कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के लिए अनुशंसित विभाग

राधा कृष्ण किशोर: वित्त, योजना एवं विकास, वाणिज्य कर, खाद्य आपूर्ति।

दीपिका पांडे सिंह: स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, परिवार कल्याण, संसदीय कार्य।

डॉ. इरफान अंसारी: ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज।

शिल्पी नेहा तिर्की: कृषि, पशुपालन, सहकारिता, आपदा प्रबंधन।

हालांकि, यह सभी विभाग पिछली सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के पास थे।

विभागों का बंटवारा स्थगित

पत्र लीक होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विभागों के बंटवारे को रोक दिया। अब यह देखने लायक होगा कि विभागों का बंटवारा कांग्रेस की अनुशंसा के अनुसार होता है या मुख्यमंत्री इसमें बदलाव करते हैं।

मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार

विभागों का अंतिम बंटवारा मुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र में आता है। हालांकि, कांग्रेस की अनुशंसा के कारण विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। अब संभावना जताई जा रही है कि शुक्रवार को विभागों का बंटवारा हो सकता है।

राजनीतिक दृष्टिकोण

यह मामला न केवल कांग्रेस के भीतर खींचतान को दिखाता है, बल्कि हेमंत सोरेन सरकार के समन्वय पर भी सवाल उठाता है। कांग्रेस के लिए यह चुनौती है कि वह इस विवाद को जल्द सुलझाए और अपनी साख बनाए रखे। वहीं, राधा कृष्ण किशोर की किस्मत और उनके बढ़ते राजनीतिक कद ने झारखंड की राजनीति में नई चर्चा को जन्म दे दिया है।

KK Sagar
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