Bihar: ‘बिहार में मिश्रा, सिंह, झा, शर्मा का गुजारा नहीं’ आरजेडी विधायक का सवर्णों के खिलाफ विवादित बोल

Neelam
By Neelam
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बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान अगले कुछ सप्ताह के बाद ही होने की उम्मीद है। इससे पहले बिहार का सियासी पारा हाई है। इस बीच राष्ट्रीय जनता दल के विधायक मुन्ना यादव ने एक बयान देकर बिहार में सियासी हलचल और तेज कर दी है। यही नहीं उनके बयान से तेजस्वी यादव की टेंशन भी बढ़ गई है।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मीनापुर विधायक राजीव कुमार उर्फ मुन्ना यादव का एक विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में मुन्ना यादव सवर्णों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते नजर आ रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि बिहार की गद्दी पर बहुजन समाज का ही दबदबा रहेगा। विधायक मुन्ना यादव ने अपने वीडियो में बिहार भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण और लाला समुदाय का नाम लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की। आरजेडी के विधायक मुन्ना यादव ने एक यूट्यूब चैनल दिए बयान में कहा कि बिहार में अब मिश्रा, सिंह, झा, शर्मा का कोई गुजारा नहीं। उनकी हैसियत उजागर हो चुकी है।

सवर्ण फ्रंटफुट पर राजनीति नहीं कर सकते-मुन्ना यादव

मुन्ना यादव ने अपने बयान में कहा कि आरजेडी के अध्यक्ष लालू यादव ने ऐसी व्यवस्था बना दी है कि ऐसे टाइटल वाले लोग कभी भी फ्रंटफुट पर राजनीति नहीं कर सकते। बैकफुट पर रहते हुए शासन कर सकते हैं पर कभी उन्हें अब कभी सीएम की कुर्सी नसीब होने वाली नहीं है। सवर्ण लोग चाह रहे हैं कि फिर जगन्नाथ मिश्रा की सरकार बने। अब यह कतई नहीं हो सकता।

किसी की औकात है तो बिहार में चुनाव लड़े-मुन्ना यादव

राजद विधायक मुन्ना यादव ने सवर्णों को लेकर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि, बिहार की गाड़ी पर बहुजन ही बैठेगा। उन्होंने कहा कि किसी की औकात है तो बिहार में चुनाव लड़े। मिट्टी पलीद हो जाएगी। इसीलिए तो ये लोग लालृ यादव से नाराज हैं। विधायक ने कहा कि हमारे नेता और राजद सुप्रीमो ने लकीर खींच दी है जो सदियों तक कायम रहेगा। बिहार की गद्दी पर अगर कोई बैठेगा तो वह बहुजन है।

विवाद बढ़ने पर राजद विधायक की सफाई

विवाद बढ़ने के बाद रविवार सुबह मुन्ना यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी। उन्होंने कहा कि मेरे दस वर्षों के विधायक कार्यकाल में मैंने कभी भी जातीय टिप्पणी नहीं की है। मेरी बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। हालांकि, सफाई के दौरान भी उनका तेवर नरम नहीं दिखा। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण को माखन चोर कहा गया, उसी तरह लालू यादव को चारा चोर कहा गया, लेकिन हम विचलित नहीं होते। उन्होंने अपने बयान को सामाजिक न्याय की लड़ाई से जोड़ा और कहा कि वे दबे-कुचले वर्गों की आवाज़ उठाने से पीछे नहीं हटेंगे।

पहले भी रहे हैं विवादों में

यह पहली बार नहीं है जब मुन्ना यादव अपने बयानों को लेकर विवादों में आए हों। पूर्व में भी उनके कई बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा और आलोचना का विषय बन चुके हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बयान का असर आने वाले चुनावों में राजद और खुद विधायक की सियासी जमीन पर किस रूप में दिखेगा। ध्यान रहे कि इस बयान के बाद सियासी बवाल मच गया था।

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