देश: कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में रविवार को इतिहास रचा गया। यहां एक साथ एक लाख से अधिक लोगों ने गीता पाठ किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बधाई संदेश भेजकर इस आयोजन की प्रशंसा की है। विद्रोही कवि काजी नजरुल इस्लाम के गीत और सामूहिक शंखनाद के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। गीता पाठ से पहले द्वारिका पीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने आशीर्वचन दिया। गीता पाठ के लिए ग्राउंड में 20 ब्लाक तैयार किए गए थे। प्रत्येक ब्लाक में पांच हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई थी। गीता के पांच अध्यायों का पाठ किया गया।
कार्यक्रम में बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी, भाजपा सांसद दिलीप घोष व लाकेट चटर्जी, विधायक अग्निमित्रा पाल समेत बहुत से नेता कार्यकर्ता सनातन धर्म के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल हुए। मुस्लिम समुदाय के लोग भी गीता पाठ में शामिल हुए।
बता दें कि गीता पाठ के लिए 1,30,000 से अधिक लोगों ने पंजीकरण करवाया था। विश्व के विभिन्न स्थानों से 300 से अधिक साधु संन्यासी भी यहां पहुंचे थे। कुछ लोगों ने भगवान कृष्ण का रूप धारण किया हुआ था। गीता पाठ करने आए लोगों के माथे पर चंदन का तिलक लगाकर उनका स्वागत किया गया।
वहीं द्वारिका पीठ के शंकराचार्य ने कहा कि देश की रक्षा उसके अस्तित्व को बचाने के लिए सबसे पहले अपनी संस्कृति और संस्कारों की रक्षा करनी होगी। यह धर्म शास्त्रों, वेद-पुराणों के ज्ञान से ही संभव है, जो हमें सन्मार्ग पर चलना सिखाते हैं।
शंकराचार्य ने आगे कहा कि कोलकाता महात्माओं का श्रेष्ठ स्थल है। यहां बहुत से मनीषियों ने जन्म लिया है। बंगाल को विभाजित करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर गीता पाठ कार्यक्रम की आड़ में राजनीति करने का आरोप लगाया है।