कोरोना के बाद मंकीपॉक्स से लोग दहशत में हैं। दुनियाभर में मंकीपॉक्स के तेजी से बढ़ते मामले अब भारत में भी दस्तक दे दी है। बता दें कि इसका पहला मामला देश की राजधानी दिल्ली में सामने आया है। अफ्रीका से निकल दुनिया भर में फैला ये वायरस वैश्विक महामारी का कारण बन सकता है। इस वायरस के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों सरकारों को कुछ जरूरी गाइडलाइन जारी की हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने बीते सोमवार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र सरकारों से आग्रह किया है कि मंकीपॉक्स वायरस के लिए लोगों के बीच फैले अनावश्यक डर को फैलने से रोका जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा, कि इस वायरस की स्थिति पर केंद्र सरकार का स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। इसके साथ ही उन्होंने राज्यों से कहा है कि वह अपने स्वास्थ्य केंद्रो पर सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों का जायजा लें। जिससे किसी भी आकस्मिक परिस्थिति से आसानी से निपटा जा सके।
आपको बता दें कि मंकीपॉक्स के ज्यादातर मामले युवा पुरुषों में देखने को मिल रहे हैं। अभी तक मिले मामलों में रोगियों की आयु 18-44 साल के बीच है। वहीं दुनिया भर में सबसे ज्यादा संक्रमण का जो कारण सामने आया है। उसमें यौन संक्रमण सबसे ऊपर है। इसके साथ ही सबसे ज्यादा मामले अभी तक अफ्रीकी देश कांगो से सामने आए हैं।
मंकीपॉक्स का सबसे आम लक्षण त्वचा पर होने वाले चकत्ते हैं। इसके बाद लगातार रहने वाला बुखार भी मंकीपॉक्स का एक आम लक्षण है। वहीं सिर और हाथ पैरों की मांसपेशियों में दर्द भी इसका लक्षण है।
बहुत अधिक ठंड लगना और थकावट महसूस होना भी मंकीपॉक्स का लक्षण है।