झारखंड के हजारीबाग जिले स्थित डिटेंशन सेंटर से सोमवार रात तीन बांग्लादेशी घुसपैठियों के फरार होने की घटना ने राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसी मुद्दे को लेकर बीजेपी सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला है।
X पर पोस्ट कर साधा निशाना
गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने मंगलवार सुबह अपने आधिकारिक X (पूर्व ट्विटर) हैंडल से पोस्ट करते हुए लिखा:
“जय झारखंड। कांग्रेस सरकार… आज हजारीबाग के डिटेंशन केंद्र यानी झारखंड सरकार के कब्जे से तीन बांग्लादेशी घुसपैठिया फरार हो गए या कर दिए गए? वोट जो ना कराए!”
इस पोस्ट के जरिए उन्होंने न केवल घटना पर सवाल उठाया, बल्कि इसके पीछे राजनीतिक मिलीभगत की आशंका भी जताई। दुबे के इस बयान के बाद राज्य की सियासत में एक बार फिर गर्मी आ गई है।
क्या है पूरा मामला?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, हजारीबाग के जेपी कारा परिसर स्थित डिटेंशन सेंटर से सोमवार देर रात तीन बांग्लादेशी नागरिक फरार हो गए। ये तीनों लंबे समय से विदेशी नागरिकों के लिए बनाए गए इस विशेष केंद्र में रखे गए थे। फरार होने वालों में दो महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं, जिनकी पहचान इस प्रकार है:
रीना खान (उर्फ फिना देवी), गाजीपुर, बांग्लादेश
निपा अख्तर खुशी, चटगांव, बांग्लादेश
मोहम्मद नजमुल हंग, बागेरहाट, बांग्लादेश
सूत्रों के अनुसार, ये तीनों रात में कमरे का दरवाज़ा बंद कर फरार हो गए, जब गार्ड बाहर सो रहे थे। इस चूक के बाद पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
प्रशासन ने शुरू की जांच, अलर्ट जारी
घटना की जानकारी मिलते ही हजारीबाग के उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह, एसपी अंजनी अंजन समेत पुलिस के कई अधिकारी मौके पर पहुंचे। एक विशेष जांच समिति का गठन किया गया है और राज्यभर में हाई अलर्ट जारी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है।
यह पहली बार नहीं है जब डिटेंशन सेंटर से विदेशी कैदी फरार हुए हैं। इससे पहले भी वर्ष 2021 में दो बांग्लादेशी और एक म्यांमार नागरिक के फरार होने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू
बीजेपी नेता निशिकांत दुबे के बयान के बाद झारखंड की राजनीति में बयानबाज़ी तेज हो गई है। दुबे ने कांग्रेस नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर “मतदाता तुष्टीकरण और घुसपैठियों को संरक्षण देने” का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यह महज सुरक्षा चूक नहीं बल्कि “राजनीतिक सुविधा” का नतीजा है।
हालांकि कांग्रेस या राज्य सरकार की ओर से अब तक इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।