डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : समाहरणालय सभागार में आज झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की पहलों की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने की, जिसमें उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान सहित संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। बैठक का मुख्य उद्देश्य जेएसएलपीएस और एफपीओ के माध्यम से महिलाओं और किसानों को सशक्त बनाने के लिए चल रही योजनाओं और गतिविधियों की समीक्षा करना था।
प्रमुख निर्देश और निर्णय
बैठक के दौरान, कार्यों को सुव्यवस्थित करने और इन कार्यक्रमों के प्रभाव को बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए गए।
मुद्रा ऋण प्रक्रियाओं का सरलीकरण
अग्रणी जिला प्रबंधक (एलडीएम) को बैंकों के साथ मिलकर किसानों और महिलाओं के लिए मुद्रा ऋण आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाने का निर्देश दिया गया। इसमें लाभार्थियों को दस्तावेज़ीकरण में आने वाली किसी भी त्रुटि या प्रक्रियात्मक बाधाओं को दूर करने में सक्रिय रूप से सहायता करना शामिल है।
रिवॉल्विंग फंड के लक्ष्यों की प्राप्ति
जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) जेएसएलपीएस को रिवॉल्विंग फंड के लक्ष्यों को शत-प्रतिशत प्राप्त करने का निर्देश दिया गया, जिसमें समय पर संवितरण और उपयोग के महत्व पर जोर दिया गया।
आरसेटी के माध्यम से कौशल प्रशिक्षण को बढ़ावा
ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थानों (आरसेटी) के माध्यम से कौशल प्रशिक्षण लक्ष्यों को पूरा करने के निर्देश दिए गए, जिसमें रोजगार क्षमता बढ़ाने में व्यावसायिक प्रशिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गया।
आजीविका और गैर-कृषि गतिविधियों का विस्तार
अधिकारियों को महिलाओं को आजीविका गतिविधियों और गैर-कृषि पहलों से जोड़ने के नए रास्ते तलाशने के लिए कहा गया। इसमें शामिल हैं। स्थानीय उत्पादों के लिए आउटलेट के रूप में काम करने वाले पलाश मार्ट की संख्या बढ़ाना। महिलाओं के लिए उद्यमशीलता के अवसर प्रदान करने हेतु जिले के सभी प्रखंडों में दीदी कैफे का संचालन।
जिला-विशिष्ट उत्पादों को बढ़ावा देना
एक महत्वपूर्ण बिंदु विशिष्ट स्थानीय उत्पादों की पहचान और उन्हें बढ़ावा देने पर केंद्रित था। विशिष्ट जिला उत्पादनों को बढ़ावा देने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया गया। शहद उत्पादन, चावल से मुड़ी बनाना, टमाटर प्रसंस्करण, मशरूम की खेती, मुर्गी पालन और अंडा उत्पादन, बकरी पालन, बुक बाइंडिंग, टेलरिंग, लेमनग्रास से विभिन्न उत्पादों का प्रसंस्करण। ये पहल क्षेत्र की महिलाओं और किसानों के बीच आत्मनिर्भरता और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती हैं।