मुंबई। मुंबई के तट पर एक बड़े हादसे से जुड़ी घटना ने सभी को झकझोर दिया है। गेटवे ऑफ इंडिया से एलीफेंटा द्वीप की ओर जा रही एक पर्यटक नौका ‘नील कमल’ 18 दिसंबर को नौसेना की एक नाव से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे में 14 लोगों की जान चली गई, लेकिन केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवानों ने त्वरित कार्रवाई कर दर्जनों यात्रियों को बचा लिया।
पर्यटक नौका डूबने की खबर से मचा हड़कंप
सीआईएसएफ कांस्टेबल अमोल सावंत (36) और उनकी टीम अपनी गश्ती नाव पर मुंबई तट के पास नियमित पेट्रोलिंग कर रही थी। तभी उनके वॉकी-टॉकी पर सूचना आई कि एक यात्री नौका डूब रही है। सावंत ने बताया, “हमने तुरंत अपनी नाव को घटनास्थल की ओर तेजी से चलाया। वहां पहुंचकर देखा कि लोग डूबती नौका से अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष कर रहे थे।”
माता-पिता बच्चों को समुद्र में फेंकने को मजबूर
घटनास्थल पर पहुंचे CISF जवानों ने देखा कि कुछ घबराए हुए माता-पिता अपने बच्चों को समुद्र में फेंकने की कोशिश कर रहे थे, यह सोचकर कि वे किसी तरह बच जाएंगे। सावंत और उनकी टीम ने यात्रियों को आश्वासन दिया कि सभी को सुरक्षित बचा लिया जाएगा और उन्हें ऐसा कदम उठाने से रोका।
पहले बच्चों को बचाया गया
सावंत ने बताया, “हमने सबसे पहले बच्चों को सुरक्षित करने का फैसला किया। हमने नौका के अवशेषों पर लटके हुए बच्चों को उठाकर अपनी नाव में बिठाया। शुरुआती प्रयास में 6-7 बच्चों को बचा लिया गया। उसके बाद महिलाओं और पुरुषों को भी सुरक्षित निकाला गया।”
50-60 यात्रियों की बचाई जान
CISF की टीम ने हादसे का शिकार हुए लगभग 50-60 लोगों को बचाने में सफलता हासिल की। सावंत ने कहा, “वहां कई लोग अपनी जान बचाने की गुहार लगा रहे थे। हमने पूरी ताकत लगाकर उन्हें बचाया। यह अनुभव भले ही भावुक कर देने वाला था, लेकिन हमारे प्रशिक्षण ने हमें आत्मविश्वास से भरा रखा।”
हीरो बने CISF जवान
इस हादसे में CISF जवानों की तत्परता और साहस ने कई लोगों की जान बचाई। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि विपरीत परिस्थितियों में भी जिम्मेदारी और कर्तव्यनिष्ठा से कैसे लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती है।