मिरर मीडिया : एक तरफ स्वछता के मामले में धनबाद 35वें स्थान की रैंकिंग से गिर कर 40 वें स्थान पर पहुंच गया है वहीं दूसरी तरफ धनबाद नगर निगम साफ- सफाई के नाम पर लगभग दो करोड रुपए क्षेत्र में हर महीने खर्च किए जा रही है। शहरी विकास एवं आवास मंत्रालय द्वारा जारी की गई स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग पर नजर डाले तो पिछले साल 10 लाख से अधिक आबादी वाले टॉप 45 शहरों में धनबाद का स्थान 35वां रहा था वहीं इस बार धनबाद 40 वें स्थान पर लुढ़क गया है। जबकि एक लाख से अधिक आबादी वाले देश भर के 446 शहरों में धनबाद को 215 वां स्थान मिला है।
वहीं राज्य स्तरीय रैंकिंग पर नजर डाले तो इसमें धनबाद चौथे नंबर पर है, जबकि पिछले साल की बात करें तो धनबाद राज्य में पहले स्थान पर था। सर्वेक्षण के लिए तय किए गए 9500 अंकों में से धनबाद को 40 60 अंक मिले है।
गौरतलब है कि धनबाद नगर निगम के गठन के 14 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट के लिए जमीन चिन्हित नहीं हो पाई। सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट नहीं होने के कारण धनबाद को नुकसान हो रहा है। हर साल इस श्रेणी में धनबाद के अंक काट दिए जा रहे हैं और इसकी रैंकिंग नीचे गिर रही है।
जबकि धनबाद में कचरा साइट भी आज तक चिन्हित नहीं हो पाई है। सॉलिड वेस्ट प्लांट के लिए जमीन चिन्हित होने के बावजूद विवाद की वजह से निगम काम शुरू नहीं कर पा रहा। स्वछता को लेकर सफाई मित्र सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए दोगुना अंक बढ़ाए गए थे। जबकि शहर से निकले कूड़े को तकनीक की मदद से उपयोग किये जाने पर 40 % वैटेज था।रेड स्पॉट यानी कमर्शियल, रेजिडेंशियल इलाके में थूकने को भी नए पैरामीटर के रूप में जोड़ा गया था। लिहाजा धनबाद नगर निगम के गठन के बाद से आज की स्थिति सामने है।
हालांकि ये बात और है कि जनप्रतिनिधि का धनबाद की स्वछता और रैंकिंग से कोई सरोकार नहीं है वरना कोशिश किये जाने पर वो कभी बेकार नहीं जाती। रैंकिंग जरूर नीचे की बजाय ऊपर आती।