जमशेदपुर। बाल अधिकार संरक्षण आयोग (नई दिल्ली) ने राजेंद्र विधालय प्रबंधन द्वारा बच्चों से जब्त किए गए मोबाइल फोन के एवज में पांच हजार जुर्माना मांगे जाने के मामले का संज्ञान लेते हुए पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त सूरज कुमार को पत्र लिख कर 20 दिनों के भीतर जांच के आधार पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। पत्र में करवाई करने के बाद आयोग को सूचित करने को कहा है। आयोग की रजिस्ट्रार अनू चौधरी ने इस बाबत पत्र डीसी को भेजा है। यह कार्रवाई जमशेदपुर अभिभावक संघ की शिकायत पर की गई है। आयोग से की गई शिकायत में कहा गया था कि राजेन्द्र विधालय (साकची) प्रबंधन द्वारा अपने स्कूल के कुछ बच्चों द्वारा स्कूल लाए गए मोबाइल फोन को जब्त कर लिया गया है और जब उक्त बच्चों के अभिभावकों ने जब्त किए गए मोबाइल फोन को वापस करने की मांग स्कूल प्रबंधन से की तो स्कूल प्रबंधन द्वारा प्रत्येक अभिभावक से जुर्माना राशि 5000 रुपए मांग की। स्कूल ने रुपए देने पर ही मोबाइल फोन वापस करने की बात कही। संघ ने शिकायत में कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि झारखंड सरकार स्कूलों को दोनों तरह के आफलाइन और आनलाइन क्लास संचालन करने के आदेश वर्तमान में दिए हैं। उसके बाद मोबाइल फोन जब्त करना उचित नहीं, जबकि बच्चे आनलाईन क्लास या तो लैपटॉप या फिर मोबाइल फोन से करते हैं। इसपर जमशेदपुर अभिभावक संघ ने राजेन्द्र विधालय प्रबंधन से यह जानना चाहा था कि किस कानूनी प्रावधान के तहत अभिभावकों से जुर्माना राशि 5000 रुपए वसूले गए। संघ ने अभिभावकों से वसूलें गए जुर्माने की राशि को वापस करने के भी आदेश देने की मांग की है।