नेशनल लोक अदालत, 25 हजार 341 मामले सुलह समझौते पर हुए समाप्त
29 करोड़ 14 लाख 65 हजार 856 रुपए की हुई रिकवरी
शांति समृद्धि ,प्रेम और सौहार्द पाने का सबसे अच्छा मंच है लोक अदालत. प्रधान जिला जज
11 लोगों को मौके पर मिला नियुक्ति पत्र
ऑन स्पॉट 18करोड 94 लाख 19 हजार 899 रुपए मुआवजा का किया गया भुगतान
विधायक राज ने भी खत्म कराया अपना मामला
मिरर मीडिया धनबाद : नालसा के निर्देश पर वर्ष 21 के चौथे नेशनल लोक अदालत में शनिवार को 25 हजार 341 विवादों का निपटारा कर कुल 29 करोड़ 14 लाख 65 हजार 856 रूपए की रेकॉड रिकवरी की गई। मौके पर 11 लोगों को अनुकंपा के आधार पर ऑन स्पॉट नियुक्ती पत्र बीसीसीएल द्वारा सौंपा गया । वहीं 683 लोगों के बीच मेडीकल व ग्रेच्युटी के 18 करोड 94 लाख 19 हजार 899 रुपए का भुगतान किया गया। आपको बता दें कि नेशनल लोक अदालत सुबह 10:30 बजे शुरू होकर दोपहर के 4:00 बजे तक चली। इसके पूर्व सुबह 10ः30 बजे जिला विधिक सेवा प्राधिकार के चेयरमैन सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा ,एसएसपी संजीव कुमार , फैमिली जज तौफीकुल हसन, बार अध्यक्ष अमरेंद्र सहाय, एसबीआई के रिजनल मैनेजर नवीन कुमार ने नेशनल लोक अदालत का उद्घाटन किया।
हमारा संविधान हर लोगों को सामाजीक,आर्थिक एवं सस्ता सुलभ न्याय की गारंटी देता है। नेशनल लोक अदालत संविधान के परिकल्पना को पूरी करने के दिशा में एक कदम है। उक्त बातें शनिवार को धनबाद सिविल कोर्ट में आयोजित नेशनल लोक अदालत के उद्घाटन के मौके पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश
सह चेयरमैन डालसा राम शर्मा ने कही। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा की। लोक अदालत में महीनों कोर्ट का चक्कर लगाने और पैसे की बर्बादी से बचा जा सकता है।इससे लोगों को मानसिक शांति भी मिलती है। इसके साथ ही प्रेम और सौहार्द आपस में फिर से बन जाता है। लोगों मे प्रेम ,शाति ,समृद्धि और समरसता बनी रहे यही इस लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य है।
उन्होने कहा की 23 नवम्बर 2013 से पूरे देश में नेशनल लोक अदालत का आयोजन हर तीन माह मे किया जा रहा है। कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधिश तौफीकुल हसन ने कहा की राष्ट्रीय लोक अदालत आम आदमी के हित के लिये लगाये जाते हैं।
बिना प्रशासनिक सहयोग के हम समाज तक न्याय नहीं पहुंचा सकते। बार ऐसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार सहाय ने कहा की लोक अदालत के माध्यम से व्यापक पैमाने पर मुकदमों का निष्पादन किया जा रहा है। जिसमें समय की बचत के साथ-साथ वादकारियों को विभिन्न कानूनी पचड़ों से मुक्ति मिल रही है। एसबीआई के रिजनल मैनेजर नवीन कुमार ने कहा कि लोक अदालत में तत्काल सेटल होता है मामला डालसा द्वारा किया जा रहा है यह एक बहुत सराहनीय कार्य है। एसबीआई इस कार्य में हर संभव मदद कर रहा है और आगे भी करेगा।उन्होंने कहा कि लोक अदालत एक ऐसा मंच है जहां तत्काल प्रभाव में मामला सेटेल हो जाता है और विवाद आगे नहीं बढ़ पाता।
नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए सिविल कोर्ट धनबाद में व्यापक इंतजाम किए गए थे। प्राधिकार के चेयरमैन सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा के निर्देश पर विवादों के निस्तारण के लिए 15 बेंच का गठन किया गया था। जिसमें न्यायिक पदाधिकारी, अधिवक्ता व विभिन्न विभाग, बैंक के अधिकारी शामिल थे। अवर न्यायाधिश सह डालसा सचिव निताशा बारला ने बताया की नेशनल लोक अदालत मे कुल 25 हजार 341 विवादों का निपटारा किया गया। वही 29 करोड़ 14 लाख 65 हजार 856 रूपए की रिकवरी की गई।
सर्वाधिक मामले ,बैंक लोन रिकवरी के 405 , आपराधिक मामले 227, मोटर यान दुर्घटना दावा के 54, एलेक्ट्रीसिटी एक्ट के 325, लेबर एक्ट के 16, वैवाहिक विवादों के 70 मामलो का निपटारा हुआ , एनआई एक्ट के 95, सिविल के22 जबकि अन्य 23 हजार 484 मामले निष्पादित किए गए।
प्राधिकार के सचिव सह अवर न्यायाधीश नीताशा बारला ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में निपटारे के लिए 10,000 मामले चिन्हित किए गए थे परंतु वाद कार्यों अधिवक्ताओं और विभागों के सहयोग से टारगेट से अधिक विवादों का निष्पादन कर दिया गया। उन्होंने बताया कि वर्ष 21 के पहले नेशनल लोक अदालत में 4 हजार 577 विवादों का निपटारा कर 3 करोड 70 लाख 99 हजार रुपए, दूसरे नेशनल लोक अदालत में 6 हजार 111 मामलों का निपटारा कर 6 करोड़ एक लाख 86 हजार 631 रुपए, किसके में 5 हजार 379 विवादों का निपटारा कर 9 करोड 96 लाख 109 रूपए की रिकवरी की गई थी। उन्होंने बताया कि दोपहर 12:00 बजे तक सात हजार मामलों का निपटारा कर दिया गया था ।उन्होंने बताया कि 5 दिनों तक चले स्पेशल मेडिकेशन में कुल 47 विवादों का निपटारा कर दिया गया कुल 131 विभिन्न तरह के विवाद इसमें शामिल थे जिसमें ज्यादातर पति पत्नी के बीच के विवाद के मामले थे। उन्होंने बताया कि बेंच में न्यायिक पदाधिकारियों के साथ विभिन्न विभागों के पदाधिकारी , अधिवक्ता शामिल थे ।
न्यायिक पदाधिकारियों में प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय तौफीकुल हसन, अपर प्रधान न्यायाधीश फैमिली कोर्ट प्रेमलता त्रिपाठी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार श्रीवास्तव, स्वयंभू ,राजकुमार मिश्रा ,मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार सिंह, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुलदीप ,अवर न्यायाधीश, राजीव त्रिपाठी, रेलवे के न्यायिक दंडाधिकारी राकेश रोशन, प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी श्वेता कुमारी विशाल माझी , मनोज कुमार इनदरबार ,शिवम चौरसिया, सफदर अली नायर ,संतोषनी मुरमुर ,निर्भय प्रकाश, पूनम कुमारी ,अभिषेक श्रीवास्तव ,स्थाई लोक अदालत के चेयरमैन उमाशंकर प्रसाद सिंह, सर्टिफिकेट ऑफिसर फागुनी राम डालसा के पैनल अधिवक्ता अजय कुमार भट्ट , रंजीत कुमार झा ,पंचानन सिंह, जया कुमारी, नीरज कुमार , जय राम मिश्रा , सोनिया कुमारी, संजीव कुमार सिंह, शामिल थे। कार्यक्रम के सफल आयोजन में डालसा सहायक , मनोज कुमार ,सौरव सरकार, अरुण कुमार, द्वारिका प्रसाद, अनुराग पांडे, अक्षय कुमार, हेमराज चौहान चंदन कुमार, समेत अन्य लोग उपस्थित थे। सचिव बारला ने नेशनल लोक अदालत में सफल आयोजन के लिए सभी वादकारी सिविल कोर्ट कर्मचारी धनबाद बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं और विभिन्न विभाग के अधिकारियों का आभार प्रकट किया। ।