डिजिटल डेस्क। दिल्ली : जानलेवा ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप के इस्तेमाल से मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौत के बाद, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के औषधि प्रशासन विभाग हरकत में आ गए हैं। इस सिरप में खतरनाक रसायन डाइथिलीन ग्लाइकाल की मिलावट पाई गई है, जिससे बच्चों की किडनी फेल होने की खबरें हैं।
उत्तर प्रदेश में सीमावर्ती जिलों पर विशेष अभियान
उत्तर प्रदेश में खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन (एफएसडीए) विभाग ने राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमा से लगे जिलों में एक विशेष अभियान चलाने का फैसला किया है।
- इस अभियान का मुख्य उद्देश्य कोल्ड्रिफ कफ सिरप की जांच करना और उसकी बिक्री पर रोक लगाना है।
- सभी थोक और फुटकर दवा विक्रेताओं को सिरप के बैच नंबर और डाइथिलीन ग्लाइकाल मिले अन्य सिरप की खरीद की जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं।
- इन सभी सिरप की बिक्री पर तत्काल रोक लगा दी गई है।
- एफएसडीए दवा निर्माता कंपनियों के पास मौजूद डाइथिलीन ग्लाइकाल के स्टॉक की भी जांच करेगा। यदि यह रसायन औद्योगिक गुणवत्ता का मिला तो कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मध्य प्रदेश में 16 बच्चों की मौत और प्रशासनिक एक्शन
मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से अब तक 16 बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है। इसके बाद राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं:
- स्वास्थ्य विभाग और औषधि प्रशासन के तीन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है, जिनमें से दो को निलंबित कर दिया गया है।
- जांच में दो और तमिल नाडु की कंपनियों के कफ सिरप अमानक पाए गए हैं, जिन्हें प्रतिबंधित करने के लिए केंद्र सरकार को लिखा गया है।
- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मृतक बच्चों के परिवारों से मिलकर सांत्वना दी है।
- कांग्रेस ने इन मौतों के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफा मांगा है।