झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हेलीकॉप्टर रोके जाने के मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट कर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें साजिश के तहत झूठे आरोपों में जेल भेजा जा सकता है, लेकिन झारखंड की जनता के दिलों से उन्हें कोई नहीं हटा सकता।
भाजपा पर साजिश का आरोप
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का हेलीकॉप्टर चुनाव के दौरान रोके जाने की घटना ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। इस मुद्दे पर उन्होंने सीधे तौर पर भाजपा पर साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, “मैं झारखंड के अपने करोड़ों लोगों के बीच न रह पाऊं इसलिए भाजपा मुझे साजिश कर झूठे आरोप में जेल में तो भेज सकती है, चुनाव में मेरा हेलीकॉप्टर तो रुकवा सकती है, मगर लोगों के दिल से उनके इस बेटे और भाई को कैसे रोक सकेगी? नहीं रोक पाएगी! नाय रोके पारभी… नाय रोके पारभी…”
चुनावी संघर्ष में रोका गया हेलीकॉप्टर
सोरेन के अनुसार, चुनाव के समय भाजपा ने उनके हेलीकॉप्टर को रोकने का प्रयास किया। यह घटना तब घटी जब हेमंत सोरेन झारखंड के विभिन्न इलाकों में चुनाव प्रचार के लिए जा रहे थे। इस मुद्दे ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है, जहां हेमंत सोरेन इसे जनता से जोड़ते हुए भावुक होकर अपनी बात सामने रख रहे हैं। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस तरह की साजिशें उनकी जनता से जुड़ी भावनाओं को कमजोर नहीं कर सकतीं।
जनता के बीच लोकप्रियता
सोरेन ने अपनी पोस्ट में यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा उनके खिलाफ कितनी भी साजिश रच ले, वे झारखंड की जनता के दिलों से उन्हें नहीं हटा सकती। उन्होंने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि वे न तो उन्हें झूठे आरोपों में फंसा सकते हैं और न ही उनकी लोकप्रियता को प्रभावित कर सकते हैं। सोरेन ने कहा कि वह झारखंड के लोगों के दिलों में बसते हैं और कोई भी राजनीतिक चाल या साजिश उन्हें लोगों से दूर नहीं कर सकती।
चुनावी माहौल में बयान का असर
हेमंत सोरेन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब झारखंड में राजनीतिक तनाव चरम पर है और चुनावी माहौल गरमाया हुआ है। भाजपा और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के बीच टकराव तेज हो चुका है। सोरेन के इस बयान को उनके समर्थकों के बीच व्यापक समर्थन मिल रहा है, और यह भाजपा के खिलाफ उनकी चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
झारखंड के मुख्यमंत्री के इस बयान ने राजनीतिक पारे को और चढ़ा दिया है। देखना होगा कि इस पर भाजपा की प्रतिक्रिया क्या होती है और चुनावी अभियान पर इसका कितना असर पड़ता है।