डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी गुरुवार को लोकसभा में वायनाड से निर्वाचित सांसद के रूप में शपथ लेंगी। वह इस अवसर पर अपने भाई राहुल गांधी के साथ सदन में उपस्थित होंगी। वायनाड लोकसभा सीट राहुल गांधी ने खाली की थी, जब उन्होंने 2024 के आम चुनावों में वायनाड और रायबरेली दोनों सीटों से जीत हासिल की थी।
चुनावी पदार्पण में ऐतिहासिक जीत
प्रियंका गांधी ने अपने राजनीतिक जीवन के पहले चुनाव में ही वायनाड सीट से चार लाख से अधिक मतों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की। यह अंतर 2024 के आम चुनावों में उनके भाई राहुल गांधी की जीत के अंतर से भी अधिक है। इस जीत ने न केवल कांग्रेस को उत्साह दिया है, बल्कि प्रियंका को एक प्रभावशाली राजनेता के रूप में स्थापित किया है।
गांधी परिवार का अद्वितीय प्रतिनिधित्व
प्रियंका गांधी अब उन सांसदों की सूची में शामिल हो गई हैं, जिनके परिवार के सदस्य भारतीय संसद के दोनों सदनों में सक्रिय हैं। सोनिया गांधी, जो 2024 में रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ीं, राज्यसभा की सदस्य बनीं। उनके बच्चे राहुल और प्रियंका अब लोकसभा में प्रतिनिधित्व करेंगे। इस प्रकार गांधी परिवार ने संसद के उच्च और निम्न दोनों सदनों में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित की है, जो भारतीय राजनीति में एक अनूठा उदाहरण है।
कांग्रेस के लिए नई रणनीति की शुरुआत
प्रियंका गांधी की इस जीत को कांग्रेस के पुनरुत्थान के रूप में देखा जा रहा है। यह उपचुनाव न केवल वायनाड बल्कि दक्षिण भारत में पार्टी के जनाधार को मजबूत करने का संकेत है। कांग्रेस इस जीत को आगामी लोकसभा सत्रों में प्रमुख मुद्दों पर अपनी स्थिति मजबूत करने के अवसर के रूप में देख रही है।
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