मिरर मीडिया संवाददाता, नई दिल्ली: भारतीय सेना, वायु सेना और रेल मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले गति शक्ति विश्वविद्यालय के बीच आज एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते का उद्देश्य सैन्य कर्मियों को लॉजिस्टिक्स ऑपरेशन में प्रशिक्षण देकर उनकी क्षमता को बढ़ाना है। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी उपस्थित रहे।
इस समझौते से भारतीय सेना को विश्व स्तरीय रसद प्रणाली विकसित करने में मदद मिलेगी। यह प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान 2021 और राष्ट्रीय रसद नीति 2022 को भी मजबूती देगा। इसके साथ ही, यह समझौता देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य को भी आगे बढ़ाएगा।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि गति शक्ति विश्वविद्यालय सशस्त्र बलों को आधुनिक लॉजिस्टिक शिक्षा, अनुसंधान, और नवाचार के जरिए सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “यह समझौता सशस्त्र बलों की लॉजिस्टिक्स जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ आत्मनिर्भरता के दृष्टिकोण को भी मजबूत करेगा।
राजनाथ सिंह ने कहा कि एक कुशल लॉजिस्टिक्स प्रणाली न केवल सैन्य अभियानों में सहायक है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। “यह समझौता हमारी सेनाओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उनकी रसद क्षमता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा।
इस अवसर पर सीडीएस, वायुसेना प्रमुख, सेना प्रमुख, रक्षा सचिव, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और गति शक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति सहित रक्षा और रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।