नई दिल्ली। केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर चुनाव जीतने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में छेड़छाड़ के आरोप अक्सर विपक्षी दल, विशेषकर कांग्रेस, द्वारा लगाए जाते हैं। लेकिन महाराष्ट्र में कांग्रेस की सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने इस पर अलग रुख अपनाया है। एनसीपी नेता शरद पवार की बेटी और बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने स्पष्ट किया है कि बिना ठोस प्रमाण के ईवीएम पर आरोप लगाना उचित नहीं है।
सुप्रिया सुले ने बुधवार को पुणे में अपने दौरे के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “मैं ठोस सबूतों के बिना ईवीएम पर आरोप नहीं लगा सकती। मैंने खुद ईवीएम के जरिए चार चुनाव जीते हैं। हालांकि, यह मुद्दा चर्चा का विषय जरूर है क्योंकि कई राजनीतिक दल ईवीएम में गड़बड़ी के सबूत होने का दावा कर रहे हैं।”
सुले ने आगे कहा कि हाल ही में बीजू जनता दल (बीजद) और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे कुछ दलों ने ईवीएम में गड़बड़ी के मामले में सबूत होने की बात कही है। उन्होंने खुलासा किया कि बीजद के सांसद अमर पटनायक ने मंगलवार को उन्हें ईवीएम के खिलाफ कुछ आंकड़े और दस्तावेज भेजे हैं। हालांकि, उन्होंने उन आंकड़ों का विवरण साझा नहीं किया।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्षी दल लगातार चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं और ईवीएम को लेकर अपनी चिंताओं को सार्वजनिक कर रहे हैं। सुले के इस बयान को एनसीपी के रुख में एक अलग संकेत के रूप में देखा जा रहा है, जबकि कांग्रेस लगातार ईवीएम पर सवाल उठाती रही है।
एनसीपी के इस रुख से विपक्षी दलों के बीच नई बहस शुरू हो सकती है, क्योंकि सुले का यह बयान कांग्रेस की रणनीति से मेल नहीं खाता। वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस मुद्दे पर विपक्ष के भीतर मतभेद गहराने की संभावना है।